रविवार, 29 दिसंबर 2013

मिशन ज़ेहाद -ऐ -जनसैलाब

मिशन ज़ेहाद -ऐ -जनसैलाब 

     एल आर गांधी


चीन ने ' एक बच्चा 'नीति को सफलता  पूर्वक लागू कर तीन दशक में अपनी जनसँख्या पर नियंत्रण पाने में अभूतपूव सफलता दर्ज़ की है  . इस दौरान ४० करोड़ बच्चों के जन्म पर अंकुश  में सफलता मिली  . अब इस निति से प्रभावित  नागरिकों को सुविधा - छूट की   तैयारी में है। जिस दंपत्ति की एक मात्र संतान की मृत्यु हो गयी और पत्नी की आयु ४९ वर्ष से अधिक है , को ३५०० रूपए प्रति माह मुआवज़ा दिया जाएगा  । इसके इलावा  जो दम्पति इकलौती संतान थे उन्हें दो बच्चे पैदा करने की छूट होगी  . 
जनसँख्या नियंत्रण की इस चीनी नीति के परिणाम अब साफ़ दिखाई देने लगे हैं. चीन एक विश्व शक्ति के रूप में उभर कर विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है. 
चीन की इस सफलता से प्रेरित हो भारत के सबसे साक्षर प्रदेश केरल ने भी अपने यहाँ जनसँख्या के सैलाब पर अंकुश लगाने का एक असफल प्रयास किया. सर्वोच्च  न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में बच्चो और महिलाओं के कल्याण आयोग के अंतर्गत एक समिति बनाई गई. समिति की सिफारिश पर २ बच्चो से अधिक पैदा करने वाले दंपत्ति को सरकारी सुविधाओं से वंचित करने के साथ साथ १०००० रूपए जुर्माना या तीन माह की कैद का प्रावधान सुझाया गया.       
भनक  लगते  ही देश को जन सैलाब की दलदल में धकेलने में संलग्न राष्ट्र विरोधी तकते लामबंद होने लगी . केरल के  विदेशी मिशनरी विरोध में उठ खड़े हुए और इस क़ानून को ईश्वर के काम में दखल कह कर खारिज कर दिया. करें भी क्यों न ...भारत में गरीबों की बढती फौज ही उनके उदेश्य की पूरक है जितनी अधिक गरीब जनता होगी उतनी ही विदेशी सहायता इन मिशनरियों को अधिक से अधिक इसाई धर्मांतरण के लिए मिलेगी .चर्च के दलाल , इसाई मिशनरी लोगों को शादी के बाद अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने की शिक्षा और दीक्षा प्राथमिकता से देते हैं. फिर प्रलोभन दे कर इन्हें धर्मांतरण के लिए तैयार करते हैं. भारत को दारुल उलूम से दारुल इस्लाम बनाने के जेहाद में सक्रीय मौलवी कब पीछे रहने वाले हैं....एक मियांजी ने तो ऐलान कर दिया की छटा बच्चा पैदा करने वाले मुस्लिम मियां बीवी को १०००० रूपए इनाम दिया जाएगा . मौलवियों की शह पर मुस्लिम कट्टरपंथी लामबंद होने लगे... तो देश के  जन्म-मृत्यु मंत्री मियां गुलाम नबी आज़ाद को सेकुलर सिंहासन डोलता दिखाई देने लगा. केरल के ४३% अल्पसंख्यकों को कैसे नराज़ किया जा सकता है. फ़ौरन पहली उड़ान से केरल पहुंचे और उमान  चाँदी को झाड पिलाई और हुकम दिया की  परिवार नियोजन के नए कानून को पैदा होने से पहले ही मौत की नींद सुला दिया जाए. देश जनसँख्या के सैलाब में डूबता है तो डूबे....हमारे बाप का क्या जाता है. 
तुष्टिकरण और सत्तालोलुप इन राजनेताओं की कृपा से शीघ्र ही हम जनसँख्या में चीन को पीछे छोड़ जाएंगे . २०२५ आते आते सर्वाधिक जनसँख्या में हम नंबर एक होंगे....वैसे अब भी हम सघन जन-संख्या के हिसाब से चीन से कही आगे हैं. चीन के पास विश्व की ६.४ % भूमि के पीछे १९.५२ % आबादी है, जबकि हमारे  पास १७.२६% आबादी के पीछे मात्र २.१ % भूमि है . इस परकार हमारी मातृभूमि  पर चीन से २.५ गुना अधिक लोगों  को अनाज मुहैया करवाने  का बोझ है.
हमारे यहाँ १५ पल में एक बच्चा जलजनित रोग से मर जाता है., आधी से अधिक जनता को शौच सुविधा प्राप्त नहीं , आधी से अधिक आबादी भूखे पेट सोती है. ६३.८० करोड़ जनता के पास पानी-शौच की सुविधा नहीं....फिर भी हमारा लोकतंत्र भ्रूण हत्या रोकने के अभियान  में खुद को गौरान्वित  महसूस करता है ,जबकि चीन दूसरा  बच्चा पैदा करने वाले नागरिकों को कठोर दंड देने से नहीं हिचकता. प्रति वर्ष हमारे यहाँ ३५ मिलियन बच्चे अपना पांचवा जन्म दिन नहीं देख पाते...क्या यह भ्रूण हत्या से बड़ा पाप नहीं ? अंतर यह है की भ्रूण हत्या के लिए  हम अपने नागरिकों को दोषी मानते है और प्रति वर्ष ३५ मिलियन  बच्चों की मौत की जिमेवारी लेने को कोई तैयार नहीं ! ज़ाहिर है इन बच्चों की 'हत्या' के ज़िम्मेदार इस देश के सत्तालोलुप राजनेता हैं और कोई नहीं.!      
यह पाखंडियों का देश है. इलाज़ के लिए २५० रूपए  न होने से एक बच्चा मर जाता है.....यह बताने के लिए आमिर खान ५ लाख रूपए हर मिनट की फीस लेता है. .. सत्य  मेव जयते ....                                  

बुधवार, 25 दिसंबर 2013

मैरी क्रिसमस … मेक मोर बेबीज़

 मैरी क्रिसमस  … मेक मोर बेबीज़ 

             एल आर गांधी

बहुत जल्द भारत चीन  को जनसँख्या में पछाड़  देगा  ....  क्रिसमस पर अबकि बार मैरी किसमस नहीं 'मेक मैनी बेबीज़ ' की प्रेयर की जायगी  . केरल चर्च ने   इसकी शुरुआत कर दी  है  .कैथोलिक चर्च ने यह कदम ईसाई समुदाय को मुसलमानो के  संख्या बल से बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए उठाया  है।
ईसाई धर्म में अबॉर्शन वर्जित है  पिछले एक दशक से बड़े परिवार पर जोर दिया जा रहा है और अब चार या अधिक बच्चे  पैदा  वाले दम्पत्तियों को प्रोत्साहित किया जाता  है।  पादरियों द्वारा  अपने अपने इलाकों में प्रचारक दल गठित कर अपनी जनशक्ति बढ़ाने का प्रचार  किया जा रहा है।  केरल में ईसाई आबादी १९% है  मगर ईसाईयों की पारिवारिक जन्म दर १.२ है और हिंदुओं व् मुस्लिमों की क्रमश १.८ और २.३ है                                      केरल  महिला व् बाल अधिकार कल्याण आयोग जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी आर कृष्णा अय्यर कर रहे थे ,  ने  २०११ में सुझाव दिया कि २ से अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए और परिवार नियोजन का विरोध करने वालों   को तीन माह की जेल। ईसाईयों और मुसलमानो ने इसका जोर दार विरोध किया  . देश की विकराल बढ़ती आबादी की सेहत की देखभाल के ज़िम्मेदार मंत्री जनाब गुलाम नबी आज़ाद फ़ौरन केरल पहुंचे और  अपनी  सैकुलर सरकार को डांटा ! बाल व् महिला  कल्याण  आयोग के सुझावों को नाक से पोलिओ ड्राप पिला कर सदा के लिए सुला दिया गया                                                                                                                  
                                                                                                                                                                 
  

शनिवार, 7 दिसंबर 2013

ऐश्वर्य की प्रतीक 'राजमाता'

ऐश्वर्य की प्रतीक 'राजमाता'

  एल आर गांधी  

भारत   के विकास का लोहा तो अब फिरंगी भी मानने लगे हैं  … हमारी राजमाता फिरंगिओं की राजमाता क्वीन एलिज़ाबेथ को पछाड़ कर , ऐश्वर्य की सूची में उससे एक पायदान ऊपर पहुँच गई हैं  … जो मुकाम  फिरंगी  इस इस देश पर दो सौ साल राज करके हासिल नहीं कर पाए  … हमारी राजमाता ने महज़ चंद  बरसों में कर डाला  .
अमेरिका के एक मेगज़ीन ने विश्व के २० सबसे अमीर राजनेताओं की सूची ज़ारी की और हमारी राजमाता को विलायत की महारानी एलिज़ाबेथ के ऊपर स्थान दिया।   राजमाता १२वे  पायदान पर उदयीमान हैं और फिरंगिओं की क्वीन और प्रिंस १३वे और १४वे स्थान पर लुढक गए  …
यही नहीं , राजमाता की २ अरब डालर की सम्पदा के समक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा भी बौने पड़ गए  … यह बात अलग है कि राजमाता की प्रजा  … प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में सबसे निचली पायदान पर एड़ियां रगड़  रही  है  .
राजमाता और उसके दरबारिओं की विनम्रता तो देखो  … वे इस उपलब्धि को सिरे से नकार रहे हैं      

बुधवार, 20 नवंबर 2013

हैप्पी लोटा - डे

हैप्पी लोटा   -  डे

एल आर  गांधी

हैप्पी टायलट डे  … चोखी भाई  .... सुबह सुबह वोहरा जी की मानिंद गर्दन लटकाए  किधर से आ आहे हो   … हमने अपने मुँह का फोलक थूकते हुए पूछा ?  अमिताभ जी की भांति अपने दोनों खाली  हाथ मांजते हुए चोखी लामा बोले ! क्या बोलें मियां  ! जंगल पानी का पुराना साथी छूट गया  । आज सुबह जब हम एक कूड़े के ढेर की ओट में बैठे 'हलके ' हो रहे थे  । तभी न जाने शीला जी के कम्बख्त कुत्ते कुदाली मारते कहाँ से आ टपके और हमारा लोटा लुढ़का दिया  … मुआ मिट्टी का ही तो था  ....  बस टूट गया !
हमने भी 'मोंटेक ' का सा मुँह बना कर 'ओह ' कह कर अफ़सोस जताया और कहा :  कोई बात नहीं भाई चोखी  हम  आपको नया लोटा ला देंगे  अरॆ  ला देंगे  क्या  घर पर ही पड़े हैं अभी दे देते हैं   ....   चोखी पर तो मानो किसी ने हज़ारों लोटे पानी डाल दिया  . रशीद अल्वी जी की भांति 'उकता ' कर बोले ,  सवाल  नए लोटे का नहीं मियाँ ! यह लोटा मेरा राज़दार था  . इसने मेरा वह सब कुछ देखा था ,जो किसी ने नहीं देखा  । अब अपना यह 'सब कुछ ' नए लोटे को दिखाना पड़ेगा  … चोखी लामा की व्यथा सुन कर मुझे लगा जैसे 'लोटे ' को देख कर ही फिरंगिओं ने 'टायलट ' शब्द इज़ाद किया था  …
चोखी के लोटा प्रेम को देख कर पंजाबी का एक टुच्चा शेर याद आ रहा है  …  मुलाहिज़ा फरमाएं :
सान्नू सज्जन ओह मिले
जेह्ड़े साथों वी समरत्थ
साडे तेढ  लंगोटी , उन्हांदे
आगे पिछे हत्थ 

शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

जनसंहार की साक्षी - द ब्लड टैलीग्राम

जनसंहार की साक्षी -द  ब्लड टैलीग्राम 

    एल आर गांधी


द ब्लड टैलीग्राम  ....जिस वक्त पडोसी देश बांग्लादेश की आज़ादी के  जश्न में हिन्दोस्तान के अवाम दीवाली मना रहे थे  .... बांग्लादेश के हिन्दू खून के आंसू रो  रहे थे  …इस कटु सत्य पर से पर्दा गैरी जे बास ने अपनी हाल ही में प्रकाशित ' पुस्तक द ब्लड टैलीग्राम ' में उठाया है।
बॉस ने अपनी इस पुस्तक में ' ब्लड टैलीगाम ' पर से पर्दा उठाया है  … यह टैलीग्राम उस वक्त के पूर्वी पाकिस्तान में नियुक्त अमेरिका के कौंसल जनरल आर्कर  ब्लड ने अपनी सरकार को भेजी थी  … टैलीग्राम में विस्तार से बताया गया कि किस प्रकार पकिस्तान की सेना पूर्वी पकिस्तान के हिंदुओं को चुन -चुन का मौत के घाट  उतार रही  है  … ब्लड ने लिखा कि इस प्रकार हिंदुओं की हत्याएं नितांत तर्क हीन हैं  जिनकी पूर्वी पाकिस्तान  में आबादी १० मिलियन एवं १३ % है  …। टैलीग्राम पर ब्लड के साथ कौंसुलेट के २० स्टाफ मेम्बर्स ने भी दस्तखत किये ताकि अमेरिकी सरकार इस कत्लोगारत पर तुरंत अंकुश लगाये  ।  अमेरिकी राष्टपति निक्सन ने इस टैलीग्राम पर कोई ध्यान नहीं दिया
मानवाधिकारों के अलम्बरदार अमेरिका की आपराधिक ख़ामोशी पर आर्कर ब्लड बहुत हैरान थे  । यह शीत युद्ध का दौर था  … भारत रूस के पाले  में था और पकिस्तान अमेरिका का सहयोगी  … इस लिए अमेरिका ने अपने सहयोगी के इस कुकृत्य पर मौन रहना ही मुनासिब समझा  .
मगर सबसे विचलित करने वाला आचरण तो भारतीय सैकुलर सरकार का था जो सबकुछ जानते बूझते हुए भी  'सियार ' जैसा रोल निभा रही थी  । भारत के सैकुलर शैतानों ने इसे 'बंगाली जनसंहार  'का  नाम दिया  … उन्हें डर था कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी जनसंघ के हाथ कहीं 'मुद्दा ' न लग जाये। ....
लेखक के अनुसार ईस्ट पाकिस्तान में १९७१ में ११ मिलियन हिन्दू थे   .... इतने बड़े पैमाने पर हिंदुओं का जन संहार और असहाय हिन्दू औरतों से बलात्कार किया गया कि ८ मिलियन  अर्थात ७०% ने भाग कर जान बचाई या पाकिस्तानी सेना और इस्लामिक कट्टरपंथिओं के हाथों मारे  गए   .... २०वी सदी  का यह सबसे बड़ा जनसंहार था जिसमें ३० लाख हिन्दू मार डाले गए  .
ईस्ट पाकिस्तान अब बांग्लादेश  में निरंतर घटती हिन्दू जनसँख्या भी इस जनसंहार की साक्षी है।  १९४१ में इस क्षेत्र में २८% हिन्दू आबादी थी  जो १९५१ आते आते २२% रह गई  … बांग्लादेश बनने  के बाद १९७४ में १३% पर  सिमट गई  .. २००१ में तो महज़ ९. ६ % रह गई  … यही रुझान जारी रहा तो पकिस्तान की भांति बांग्लादेश में भी 'हिन्दू' इतिहास की बात हो जाएंगे  … और  हमारे सैकुलर शैतान अपने इन पड़ोसियों को बिरियानी खिलाने में मशगूल रहेंगे  …    

बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

कुर्बानी की दावत

कुर्बानी की दावत 

एल आर गाँधी 


पोलैंड में पशुओं पर अत्याचार विरोधी संगठनों ने ईद के ' कुर्बानी  की दावत 'पर्व के नाम पर मूक जानवरों की क्रूर हत्या पर विरोध जताया   … पोलैंड में किसी भी जानवर की 'सचेत' अवस्था में हत्या पर कानूनन रोक है। वहां के सभ्य समाज   में किसी भी जानवर  की हत्या से पूर्व   उसे  अचेत (बेहोश) करना अनिवार्य है  और कोई भी जानवर सरकारी बुच्चर खाने से बाहर नहीं  काटा जा  सकता। . 
मगर अल्लाह को मानने वाले पोलैंड के इस क़ानून को इस्लाम विरोधी मानते हैं  … जब तक जानवर को हलाल न किया जाए  वे उसके मांस को हराम मानते हैं  … हलाल में जानवर को धीरे  धीरे उसकी गर्दन पर खंज़र चला कर ( तडपा -तडपा ) कर मारा  जाता है   ….दुनिया का कोई भी क़ानून उनकी मज़हबी मान्यताओं में   दखल दे उन्हें हरगिज़  गवारा नहीं  ।  
इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान में तो ईद पर ६० लाख  पशुओं की बलि दी जाती है। महज़ पशुओं की खाल का आधा वार्षिक धंधा एक दिन में निपट जाता है  … इस अवसर पर पशुओं की कीमत २० हज़ार से १६ लाख तक पहुँच जाती है  । इस बार तो एक क्रिक्टर का बकरा अगवा कर लिया गया और बदले में  फिरौती की मांग की गयी  । फिरौती न मिलने पर बकरे को गोली मार दी।  
भारत में गाय  बहुसंख्यक हिन्दुओं की पूजनीय है  … देश की शीर्ष इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने भी मुसलमानों से ईद पर गोहत्या न करने की  ईल्तज़ा की है  । मगर देश की सैकुलर सरकार और पशु प्रेमी संगठन मौन हैं  … 
हिन्दुओं के  हर त्यौहार पर 'हिदायत नामा ' जारी करने वाले मिडिया को भी लकवा मार गया है  । होली पर जल बचाओ , दिवाली पर वायु प्रदूषण व् ध्वनि प्रदूषण की  ' नेक ' सलाह देने वाले 'वाच डाग ' अपनी सेकुलर दूम को दो टांगों के बीच दबाए बैठे हैं  . श्वान भक्त मेनका जी भी मौन हैं 

बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

लालू जी के शौक

लालू जी के शौक 

 एल आर गाँधी

लालूजी को जेल में 'राबड़ी ' की कमी खूब सता रही है। हम उस राबड़ी की बात नहीं कर रहे जिसने लालू जी को एक पति से ग्यारह बच्चों का पिता  बना दिया  … हम तो उस राबड़ी की बात कर रहे हैं , जो उन गईयाँ के दूध से बनी है जिनका चारा लालू जी 'खा ' गए  …
अदालत में अपना फैसला सुनने से पहले जब लालू जी अपने 'बाड़े' से चले तो गईयाँ पूजन किया और गौ माता से भूल चूक माफ़ करने की गुहार भी लगाई  … गईयाँ ने भी पुराने मुस्लिम -यादव वोटरों की भांति गर्दन मटका कर हामी भर दी  … लालूजी आश्वस्त हो कर  …. फैसला सुनने चल दिए  …
यहीं पर उनसे भयंकर भूल हो गई  …. दाना तो सबसे पहले लालू जी ने मुर्गिओ  का खाया था  …  पिछले  १७  बरस से मुर्गियन के  नाती पोतियाँ  अभी तक गर्दन उठा उठा कर पूछ रही हैं  … मेरा  पेट देख  ….क्या मैं एक दिन में चालीस किलो दाना खा सकती हूँ  ….
कभी जो शख्स 'चूहों ' का मांस खा कर गुज़ारा करता था  … आज ' राबड़ी ' का मुरीद है  … लालू जी को गर्भवती चुहिया का गोश्त खूब भाता था  … शौक भी क्या चीज़ है  … गोश्त से मुर्गी दाना फिर गईया का चारा  और फिर राबड़ी खाते खाते जेल की हवा खाने लगे  …
काश गईया के साथ साथ मुर्गी और चुहिया से भी माफ़ी मांग ली होती !!!!!!   

शनिवार, 28 सितंबर 2013

गांधी की मार… बेबस सरकार

गांधी की मार…  बेबस सरकार 
       एल आर गांधी

६५ वर्ष उपरांत देश की केंद्रीय सत्ता को फिर से  किसी ने असैन्विधानिक चुनौती दी …यह चुनौती दी है कांग्रेस के एक मात्र  राजकुमार राहुल गांधी ने . सजायाफ्ता सांसदो और  विधायको को बचाने वाले अध्यादेश को सिंघ साहेब की काबिना ने पास कर महामहीम को भेज दीया … … राजकुमार के दरबारिओ ने बीजेपी और बंगाली बाबू के  साथ साथ अवाम के आक्रोश को भाम्पा … और मौके की नजाकत को देखते हुए  राजकुमार को अपनी ही सरकार के खिलाफ खडा कर दिया …
राजकुमार ने भी  न आव देखा  न ताव   फ़ौरन प्रेस क्लब में अवतरीत हुए और अध्यादेश को बकवास बताते उसे फाड कर  फ़ेकने को कहा …. सरकार के मंत्री और पार्टी के संत्री  सभी सनं रह गए  … सिंघ साहेब विदेश में मुंह छुपाते फिर रहे … विरोधी भाई कार्तोल घोले फिर रहे हे … आणे दो …। ….
मगर राजकुमार के दरबरियो को  शायद मालूम नही कि जो हालत  आज इन लोगों ने आज के प्रधान मंत्री और इनकी काबिना की  बना दी   … यही हालत ६५ वर्ष पूर्व राहुल गांधी के पूर्वज प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की हुई थी …विभाजन के बाद पाकिस्तान की ५५ करोड की देनदारी केंद्रीय काबिना ने एक अध्यादेश जारी  कर रोक दी , क्योंकी पाकिस्तान ने हमला कर एक तिहाई काश्मीर पर कब्जा कर लिया था … गांधीजी को काबिना का यह फैसला न गवार गुजरा …  आमरण अनशन की धमकी दी और   उसी शाम  नेहरू  ने काबिना की   बैठक दोबारा बुलायी और पाकिस्तान को ५५ करोड की देनदारी पर लगी रोक निरस्त कर दी ….
दोनो अध्यादेशो में जमीन आसमान का अंतर ही … सिंग साहेब का अध्यादेश देश को अपराधीयो की जागीर बना देगा  जबकी ६५ वर्ष पूर्व नेहरू की देश भक्त काबिना का अध्यादेश देश हित मे पाकिस्तान को उसकी औकात बता देता … मगर गांधी के पाक व मुस्लिम प्रेम के आगे सभी बेबस थे … आज भी' गांधी ' परिवार के आगे पार्टी और सरकार बेबस ….

रविवार, 1 सितंबर 2013

क़ानून के हाथ कितने लम्बे कितने बेबस





                                         क़ानून के हाथ कितने लम्बे कितने बेबस 

                                                       एल आर गाँधी

आखिर आसा राम उर्फ़ बापू को  नाबालिग लड़की के यौन शोषण के  दोष में पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा ही दिया  …. सत्ता में बैठे सेकुलर शैतान बड़ी शान से इतरा और फरमा रहे हैं  …. देश के कानून के आगे सब बरोबर हैं  … चाहे कोई कितना भी बड़ा धर्माचार्य क्यों न हो  ….
शायद  दिल्ली के सेकुलर नवाबों की राजमाता और उनके पप्पू राजकुमार अपनी ही नाक के नीचे बैठे उस शाही इमाम को भूल गए जो शान से जमा मस्जिद से ऐलान ए आम ओ ख़ास करता है कि वह इस देश की किसी भी अदालत में कभी पेश नहीं होगा  …
इमाम साहेब पर भी नाबालिग बच्चों को मदरसों  से बंधक बना कर बंधुआ मजदूरों के रूप में 'सप्लाई ' करने के इलावा दर्ज़नों आपराधिक मामले देश की अदालतों में धूल फांक रहे हैं  . इमाम साहेब को अदालत ने अनगिनत बार 'भगोड़ा  ' घोषित भी किया , मगर किसी भी कानून के कितने ही लम्बे हाथ  उनकी गर्दन तक नहीं पहुँच पाए  …हर बार पुलिस अधिकारी अदालत में अपनी एक ही बेबसी का बखान करते दिखाई देते हैं की इमाम साहेब को पकड़ा तो दिल्ली में 'दंगे' हो जाएंगे  … आखिर  जनवरी २००४ में तो कोर्ट को यह सख्त टिपण्णी तक करनी पड़ी ' रिकार्ड को देख कर यह कहा जा सकता है कि कमिश्नर रैंक तक का अधिकारी भी इमाम बुखारी के खिलाफ कोर्ट के  वारंट तामील नहीं करवा सकता  …।
वक्फ बोर्ड सभी मुस्लिम धर्म स्थलों की एक मात्र प्रबंधक संस्था है  … जामा मस्जिद भी वक्फ बोर्ड की प्रापर्टी है  … मगर इमाम बुखारी जो कि वक्फ बोर्ड के पेड़ कारिन्दा थे , अब मालिक बने बैठे हैं  । १९७६ में तो अब्दुल्ला बुखारी ने   वक्फ बोर्ड से अपनी पगार १३०/- से बढ़ा कर ८४०/- करने की दरख्वास्त दी थी  । मल्कियत के इस झगडे का एक फायदा भी है।  गत ३५ साल से जामा मस्जिद का बिजली का बिल नहीं भरा गया  … बढ़ते बढ़ते जो अब सवा चार करोड़ रूपए को पार कर गया  . महज़ १० रूपए के बकाए पर गरीबों के कनेक्शन काटने वाली सेकुलर सरकार को यहाँ लगता है 'सांप सूंघ ' गया  । 

शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

देश को दारुल ओ इस्लाम से बचाना होगा
हर मदरसे में ' रसखान 'पढ़ाना   होगा  . . .
कृष्ण के देश में क्या काम औरंगजेबों का
कृष्ण भूमि को आज़ाद कराना होगा   ….

जन्माष्टमी -मंगलकामनाएं
श्री कृषण जन्माष्टमी पर आप सब को मंगलकामनाएं !

सेस गनेस महेस दिनेस , सुरेसहु जाहि निरंतर गान्वैं !
जाहि अनादि अनंत अखंड , अच्छेद अभेद सुवेद बतावें !!
नारद से सुक्व्यास रटे , पचिहारे तऊ पुनिपार न पावैं !
ताहि अहीर की छोहरियाँ,छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं !!
रसखान .....
 —

बुधवार, 7 अगस्त 2013

गरीबी -मानसिक अवस्था और खैरात


                                                   गरीबी -मानसिक अवस्था और खैरात 
                                                                एल आर गाँधी

आत्मविश्वास से  लबरेज़ चोखी लामा वी -शेप की चप्लियाँ चटकाते सुबह सुबह आ धमके  …. हलो  … की हुंकार लगाई  । आवाज़ में जोश और आक्रोश एक साथ छलक रहा था  … अरे चोखी इतने चहक  रहे  हो  … लाटरी लग  गयी क्या ? चोखी तुनक कर बोले ! अरे मियां आज का अखबार पढ़ा ! आहुल जी ने सबकी बोलती बंद कर दी  … गरीबी का रोना रोने वाले विरोधियों को साफ़ साफ़ शब्दों में दो टूक बता दिया  … गरीबी एक मानसिक अवस्था है ! और कुछ नहीं ! खाना , पैसे और भौतिक नश्वर चीजों की कमी से इसका कोई लेना  देना नहीं ! अगर आप में आत्मविश्वास है तो आप गरीबी से उबार सकते है !
दलितों को संबोधित करते हुए देश के भावी करनधार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ' खैरात बांटने से गरीबी दूर होने वाली नहीं !
मुंह की दातुन का फ़ोलक थूकते हुए हमने चोखी के आत्मविश्वास को चार चाँद लगाते हुए हामी भरी  … अरे चोखी यह आत्म विशवास की ही तो माया है , एक गरीब परिवार की महिला जो कभी तुम्हारी माफिक एक कैंटीन में जल-पान सेवा कर गुज़र बसर करती थी , आज हमारे देश के  'राज माता 'के सिंहासन पर आरूढ़ है   … विश्व के सबसे अमीर  राजनेताओं में उन्हें चौथा स्थान प्राप्त है  … अब हमारे राजकुमार का यह आत्म विशवास ही तो है जो   बड़े बड़े तीस मारखां कांग्रेसी नेताओं की 'क्लास ' लेते हैं  । दर्ज़नों उद्योगिक घरानों ने राजकुमार को अपने  निदेशक मंडल में शामिल कर रक्खा है और वह भी मोटी  पगार पर  …. ताकि कंपनी को  राजकुमार जी की एक्सपर्ट एड्वायिज़ का 'लाभ' मिलता रहे  ….
चोखी भाई अपनी मानसिक अवस्था बदलो  …गुर्बत खुद ब खुद भाग जाएगी  … चोखी का आत्मविश्वास राशन के खाली थैलों से भर गया  …. आज भी मुआ डिप्पो नहीं खुला  …खैरात का राशन कब मिलेगा  …. बुदबुदाते हुए चल दिए  …।



सोमवार, 5 अगस्त 2013

नवीन का संस्कार सुरक्षा बिल

 नवीन का संस्कार सुरक्षा बिल 
       एल आर गाँधी 

राजमाता और उनके दरबारी तो गरीबी रेखा मापने की माथापच्ची में ही   उलझे थे। क़ोइ १२/- में गरीब को भरपेट खाना परोस रहा था और कोई ५/- और १/- में गरीब का पेट  भर रहा था  …. राजमाता १४ में नयी ताजपोशी से पहले 'खाद्य सुरक्षा 'बिल पास करवा कर गरीबों को भूख से निश्चिन्त सुखी जीवन जीने का सपना परोसने की जुगाड़ में लगी थीं कि देश के सबसे पिछड़े राज्य जहाँ सबसे अधिक 57. २ % गरीब नारकीय जीवन जी रहे हैं  …क़े सुलतान नवीन पटनायक ने चुनाव से पहले जीते जी मरने की चिंता में जी रहे ओड़िसा के बिलो पावर्टी लाईन पूअर्ज़  को मरने के बाद की चिंता से मुक्त कर दिया। …। 
आजमाता के खाद्य सुरक्षा से पहले , एक नया बिल ला कर , ओड़िसा के सुलतान तो मानो बाज़ी मार ले गए  …. नए बिल को सतयुग के महान सत्यवादी सम्राट हरिश्चंदर सहायता 'नाम' दिया गया  … अपनी सत्यनिष्ठा और धर्म परायण प्रतिबध्त्ता के चलते सम्राट अपने मृत पुत्र का संस्कार नहीं कर पाए थे  … मगर इस कलयुग में कोई भी तुच्छ से तुच्छ प्राणी  सुलतान नवीन पटनायक के राज्य में अंतिम संस्कार से वंचित नहीं रह पाएगा  … अब अंतिम संस्कार की सारी ज़िम्मेदारी नवीन सुल्तान की सेकुलर सरकार की होगी  … सी एम् कोष से फंड जारी का दिए गए हैं  … सरपंच १००० -२००० तक और एम् सी चेयरमैन १००० - ३००० तक की सहायता जारी कर सकेगा  …. 
इसक साथ ही केंद्र और राज्य के  मोंटेक सिंह के नियोजित आंकड़े भी 'स्पष्ट' हो जाएंगे  … गरीबी रेखा से नीचे जी रहे लोग ही मरने पर 'नवीन' संस्कार राशी का लाभ पा पाएंगे  … और यह राशी पीले कार्ड धारक स्वर्गवासी को ही मिलेगी  …. 
चलो जीते जी सम्मान से जीने का हक़ तो नहीं मिल पाया  … कम से कम मरने के बाद अंतिम संस्कार का अधिकार तो मिला चाहे राजकोषीय भीख सी ही सही। .   

गुरुवार, 25 जुलाई 2013

राजमाता का राजभोज

राजमाता का राजभोज 

   एल आर गाँधी

स्वर्ग में विराजमान इंदिरा जी आज गद गद हो गई होंगी …जो काम वे अपने जीवन काल में पूरा नहीं कर पाई उनकी प्रिय पुत्रवधू ने पूरा कर डाला।।।इंदिरा जी तो महज़ गरीबी हटाओ का उद्दघोष मात्र करते करते इतिहास हो गई , पुत्र वधु ने एक ही झटके में गरीबों की संख्या  एक  चोथाई कर डाली … ८० प्रतिशत गरीबों को भरपेट खाना देने का  हुक्म जारी हुए अभी हफ्ता भी नहीं बीता कि योजना आयोग के सिंह साहेब ने अपने ३५ लाख के गुसलखाने से निकल कर घोषणा की कि गरीब तो घट  कर महज़ २२% रह गए है .
सिंह साहेब तो गरीब घटा कर अपने प्रिय गुसलखाने में जा विराजे … लोगों के किन्तु परन्तु पर  सफाई देने  राजमाता  'गाँधी ' के तीन बन्दर मैदान में आ गए …मियां राज बाबर ने फ़रमाया कि देश की आर्थिक राजधानी में भरपेट भोजन महज १२/- में खाया जा सकता है …. मियां रशीद मसूद ने राजधानी दिल्ली में भरपूर भोजन मात्र ५/- में मिलता है कह कर दिल्ली के गरीब गुरबों का दिल खुश कर दिया  … रशीद मियां ने गरीबों को राज बब्बर की तरह भटकाया नहीं … यह भी बताया की यह ५/- वाला भोजन जामा मस्जिद इलाके में मिलता है  … जब हमारे कश्मीर के  सुलतान जनाब फारूख अब्दुला से किसी ने पूछा कि मियां यह १२/- ५/- में खाना और वह भी भर पेट …क्या  मामला है ,तो जनाब ने फरमाया कि मुए पेट का क्या है ! यह तो एक रूपए में भी भर जाता है । सवाल तो यह है की बन्दे ने खाया क्या है …
कोई कुछ भी कहे मगर हम कश्मीर के सुलतान से पूरी तरहां सहमत हैं … कश्मीर को इतना खा चुके कि अब खाने के नाम से  ही जनाब को उबकाई आ जाती है .रही बात मियां मसूद की … जामा मस्जिद एरिया में ५/- में तो क्या कुछ भी मुफ्त मुफ्त में मिल सकता है … पिछले ३५ बरस से जामा मस्जिद के शाही इमाम साहेब ने बिजली का बिल नहीं भरा … अब तक बढ़ते बढ़ते हो गया है  सवा चार करोड़ … किसी गरीब का या किसी मंदिर /गुरूद्वारे का हज़ार -पांच सौ का बिल बकाया होता तो कब का कट जाता कनेक्शन .
सब सेकुलर सरकार और अल्लाह का करम है ……
जिस देश की राजमाता विश्व की चौथी सबसे अमीर राजनेता हो उस देश में गरीबों का क्या काम ?

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

मैं सबसे बड़ा हिन्दू ...दिग्विजय सिंह उर्फ़ दिग्गी मियाँ

मैं सबसे बड़ा हिन्दू ...दिग्विजय सिंह उर्फ़ दिग्गी मियाँ 

                    एल  आर गाँधी


दिग्गी मियां को यका  यक याद आया कि वे तो हिन्दू हैं और लोग उन्हें खाम-खाह मियाँ दिग्विजय सिंह यानिके मुस्लिम परस्त मानते हैं ...सच में दिग्गी मियाँ हिन्दू ही हैं और सबसे बड़े हिन्दू .....
दिग्गी मियां मुसलमानों के हिन्दू हैं ..पर्शियन में हिन्दू शब्द का अर्थ है ...लफंगा ....चोर ...गुलाम ..अब इस्लाम परस्त दिग्गी मियाँ इन पर्शियन शब्दार्थो में से चुन कि वे क्या हैं ... 

शनिवार, 6 जुलाई 2013

श्रीनगर या शरिया नगर

                                          लाल चौक में कैलंडर शाप ..केवल इस्लामिक तस्वीरें
                                          
श्रीनगर का प्रसिद्ध लाल चौक   
                                                                            
                                                                श्रीनगर या शरिया नगर 
                       
                                                                       एल आर गाँधी                                             
                                                                     
                                  अख़बारों में श्रीनगर के लाल चौक की बहुत शौहरत  सुनी थी . बड़े बड़े आधुनिक शोरूम
कहीं से यह लगता ही नहीं था कि यह वही चौक है जहाँ चौक के बीचोबीच स्थित मीनार पर राष्ट्र ध्वज लहराने पर पकिस्तान परस्त जेहादी फसाद बरपा कर देते हैं ..हर साल मीनार पर पकिस्तान का झंडा फहराया जाता है ...सैलानी सभी कडवी -हकीकतों से बेखबर कश्मीरी साजो सामान की खरीद-फरोख्त में मशगूल थे . तभी हमारी नज़र एक कैलंडर शाप पर पड़ी ...फरक साफ़ हो गया ...देश भर  में आप किसी भी ऐसी शाप पर देखेंगे कि सभी धर्मों से बाबस्ता तस्वीरें  मिल जाएंगी जिनमें हिन्दू देवी देवताओं ,मुस्लिम मीनारों-कलमा ,सिख गुरुओं व् इसाई गाड इत्यादि .... मगर इस शाप पर केवल इस्लामिक कैलंडर थे यहाँ तक किसी सूफी पीर -फकीर की भी तस्वीर नहीं दिखाई दी.
ऐसे ही एक धार्मिक पुस्तकों की दूकान पर केवल इस्लामिक शरिया से बाबस्ता किताबें थीं ...जाहिर  है ... जहाँ दार -उल -इस्लाम है वहां दार- उल- हरब का क्या काम  ?
श्री नगर एयर पोर्ट पर 'नमाजियो के लिए ख़ास तौर पर नमाज़ एरिया '  !   कश्मीरियो पर तारी दारुल इस्लाम, जहाँ काफिरों की कोई वुक्कत नहीं ,सोच को ही दर्शाता है .
फिर भी श्री नगर में एक दूकान अभी तक मौजूद है जहाँ वैष्णव भोजन के तलबगारों की कतार लगी रहती है .. बाज़ार का नाम ही कृष्णा ढाबा पड़  गया है .कृष्णा वैष्णव भोजनालय के साथ ही ४  - ५ और वैष्णव ढाबे भी हैं , मगर कृष्णा ढाबे के लज़ीज़ शाकाहारी  खाने का जवाब नहीं .
केंद्र सरकार की अथाह  माली सहायता के सदके श्रीनगर की  सडकें ,बाज़ार और बागान बहुत आकर्षक हैं मगर  ऐतिहासिक  डल झील पर लगा सरकारी पैसा कहीं दिखाई नहीं देता ...डल झील के किनारों पर अवैध कब्जों  ने झील को एक गंदे छप्पड़ में तब्दील कर के रख दिया है . झील के बीचो बीच कायम बाज़ारों और चलती  फिरती शिकारा -शाप्ज़ ने झील को एक ऐसे बाज़ार में बदल दिया है जिसकी सफाई लगभग नामुमकिन है . बाकी कसर सैलानियों के लिए बने हॉउस -बोट्ज़  ने पूरी कर दी है ...सैकड़ों हॉउस-बोट्ज़ का मानव   निर्मित कचरा भी ज़ाहिर है झील के गर्भ में ही समता है  ...झील के सैलानियों पर अनगिनत कश्मीरियों की रोज़ी रोटी चलती है ..इस लिए सरकार भी बेबस नज़र आती है .
सड़कों पर दौड़ते थ्रीव्हीलर्ज़ और अन्य वाहनों को देख कर लगता है कि श्री नगर में ट्रैफिक रूल्ज़ नाम की कोई चीज़ नहीं कोई भी वाहन रेड लाईट पर नहीं रुकता ..सब आज़ाद है .लाल चौक के बीचोबीच फेहड़ी वालों की हकुमत है ..निजाम तो बस मूक दर्शक है.

   
      


गुरुवार, 4 जुलाई 2013

खाद्य सुरक्षा के बसते

खाद्य सुरक्षा के बसते 

एल आर गाँधी


बगल में तीन तीन बसते दबाये चोखी लामा फटे थैले सा मुंह लटकाए चले आ रहे थे . हमें मसखरी  सूझी ..और पूछ बैठे ..अरे चोखी मियां ये बच्चों के बसते उठाये इस उम्र   में कौन से स्कूल जा  रहे हो.  हमारी मसखरी चोखी मियां को नागवार गुजरी ! उत्तराखंड के बादल की भांति बिफर पड़े ...मियां पैसे वाले हो न इस लिए  राशन के थैले बसते नज़र आ रहे हैं .  हमने अनजान बनते  हुए फिर से पूछ डाला ...  भई चोखी यह सुबह सुबह कहाँ राशन बंट  रहा है ?
चोखी ने ताव खा कर एक थैले से चबूतरा साफ़ कर आसन जमाया और प्रशन चिन्ह सी आँखे तरेर कर पुछा आमिर जादो ! अखबार में खबरें भी देखते हो या सिर्फ निविदा सूचना पढ़ कर ही छोड़ देते हो . इतने मोटे शब्दों में छपा हैं खाद्य सुरक्षा बिल पास हो गया ..सोनिया जी के राज में अब कोई भूखा नहीं सोएगा ..३ रूपए किलो चावल  २ रूपए किलो गेहूं और १ रूपए किलो ज्वार और वह भी ५ किलो प्रति  जन ....और यह जनसंघी नन्द डिपू ही नहीं खोलता ...हफ्ते भर से चक्कर काट रहा हूँ .
जन वितरण प्रणाली के सैलाब में डूबे चोखी मिया को हमने सचाई से रूबरू करवाते हुए  बताया ..मियां डिपो तो हमारी चची शकुन्तला जी के नाम था चाचा जी कांग्रेस लीडर थे ,एक जलसे में जाते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो गए और उनकी विधवा को कांग्रेस सरकार ने डिपो अलाट कर दिया था .चाची  जी पिछले महीने चल बसी अब डिपो अलाटमेंट पर राजनेता गोटियाँ भिड़ा रहे हैं ...कब किसके नाम लाटरी खुलेगी खुदा  जाने !
चोखी मियां के सर पर तो मानो ज्वारभाटा फूट  गया ...मुंह लटकाए घर को पलट गए ...राशन के खाली  थैले मेरे चबूतरे पर ही छोड़ गए  ....



बुधवार, 3 जुलाई 2013

श्री नगर या शरिया नगर



श्री नगर या शरिया नगर 

  एल आर गाँधी                                        


         
श्री नगर के एअरपोर्ट पर यात्रियों के लिए पांच बार नमाज़ की सुविधा के लिए विशेष तौर  पर 'नमाज़ एरिया 'बनाया गया है . देश के किसी भी प्रदेश या केंद्र शासित राज्य के एअरपोर्ट पर ऐसी सुविधा नहीं है . ज़ाहिर है जब से श्री नगर से नमाज़ न अता करने वाले 'काफिरों'को बेदखल कर नमाजियों का निजाम कायम हुआ है ,तब से नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की सरकार ने कश्मीर विशेषत श्रीनगर में सेकुलर नियम कायदों को ताक  पर रख कर 'शरियाई '  निजाम ए मुस्तफा लागू कर दिया है . 
सैंकड़ों मंदिर मिस्मार कर दिए गए , मगर किसी सेकुलर शैतान ने उफ़ तक नहीं की ..और एक बियांवान मस्जिद गिराए  जाने पर चार-चार राज्य सरकारें गिरा  दीं  और कमीशन बिठा दिए। देश के जिस प्रदेश में 
भी निज़ाम ए मुस्तफा कायम होगा वहीँ पर सेकुलरिज्म की 'कश्मीरी' इबारत लिखी जाएगी और काफिरों को बेदखल कर उनके पूजा स्थलों को मिस्मार किया जाएगा . श्री नगर की तर्ज़ पर एअरपोर्ट पर नमाज़ के लिए 'नमाज़ एरिया' बनाया जाएगा .....


बुधवार, 26 जून 2013

श्री नगर या शरिया नगर




श्री नगर या शरिया नगर 
  एल आर गाँधी

श्रीमती जी की तीव्र इच्छा थी , एक बार 'देवभूमि' श्रीनगर की सुन्दर व् अलौकिक वादियों के भ्रमण की ...वादी में प्रवेश करते ही देव भूमि पर पसरा मज़हबी आतंक का क्रूर काला  साया ज़ेहन पर तारी होता गया ...ऊपर से तो सभी पर्यटकों के प्रति समर्पित दिखाई दे रहे थे किन्तु यथार्थ में हमें लूटने और सताने को सभी खुदा के बन्दे  एक जुट थे ...
गुलमर्ग के नज़ारे देखने की इच्छा सभी पर्यटकों में होती ही है . सो हम दोनों और साथ में गए मित्र दंपत्ति होटल से ही टैक्सी में गुलमर्ग के लिए चल पड़े ...सड़क के दोनों और निहायत ही खूबसूरत कुदरत के नजारे थे ...दो दिन के साथ ने ड्राईवर को भी कुछ कुछ 'मुखर' बना   दिया ....जब उसे पता चला की हम पंजाब से हैं तो कश्मीर और पंजाब के एक से 'हालात' पर अपने पके पकाए विचार व्यक्त करने लगा ...बोला ...एक बार तो खालिस्तान बन ही गया था ? मेरी प्रतिक्रिया के लिए 'जोहान' ने मेरी और देखा ...उसकी आँखों में नाकामी का मलाल साफ़ दिखाई दे रहा था ...हिन्दुस्तान की सेना की श्रीनगर में मौजूदगी पर भी उसे सख्त ऐतराज़ था ...बात चीत आगे बढ़ी तो पता चला की जेहान के और भी तीन भाई हैं सभी अनपढ़ हैं और उसी की भाँती छोटे मोटे काम करते है ...पढाई वही मौलवी के मदरसे तक .
गुलमर्ग का रास्ता और प्राकृतिक छटा अतुलनीय थी रास्ते में कई  स्थानों पर प्रकृति के मनमोहक दृश्यों को कैमरे में कैद किया ... गुलमर्ग के पहले और निकटम गेट के रास्ते में कुछ लोग खड़े थे ..उन्होंने गाड़ी को दूसरे   रास्ते से जाने का इशारा किया ...पूछने पर जोहान ने बताया की ये लोग घोडा गैंग से हैं ...निकट के गेट पर सवारी पैदल ट्राली हाट तक चली जाती है और उनके घोड़ों पर नहीं बैठती ...यदि कोई गाड़ीवाला नहीं मानता तो ये ड्राईवर और सवारियों को पीटते हैं और गाड़ी को भी नुक्सान पहुंचाते हैं ....जोहान ने हमें दूसरे गेट जो ट्राली से ३-४ किलोमीटर दूर था उतार दिया ...पहले रेन शूज़ और रेन कोट वालों ने घेरा ..किसी प्रकार उनसे पिंड चुदाया  तो घोड़े वाले पीछे पड गए ...मानो चार घोड़ों के १ २ ० ० रूपए बचा कर हम अमीर  सैलानी उनके पेट पर लात मार  रहे हैं ...रास्ते भर घोड़े पैदल यात्रियों पर गुर्राते नज़र आए ...गुड सवारों के लिए अलग से कच्चा रास्ता है ,फिर भी ये लोग सड़क से पैदल यात्रियों पर घोडा चढाते ..कश्मीरी भाषा में भद्दे तंज़ कसते जा रहे थे .
बहुत सारी गाडिया ट्राली तक जा रही थी .. अब समझ आया कि मियां जोहान भी अपने इन घोडा गैंग बिरादरी के साथ है .
२ घंटे ट्राली के लिए लाईन में लगे जबकि टिकट पहले ही आन लाईन बुक करवा ली थी ..लोकल घोडा गैंग बिना लाईन के खिड़की से अपने ग्राहकों के लिए टिकट ले रहे थे ..मनमाने 'चर्ज़िज़ ' एंठ कर ..लाईन के बिना एंट्री के अलग से चर्ज़िज़ थे ..हम 'हिंदुस्तानी' २ घंटे तक लाईन  में खड़े कश्मीरी कायदे -क़ानून की धारा  ३ ७ ०  ताकते रहे .
जेहान ने बताया था कि गुलमर्ग की पहाड़ी पर शाल बढ़िया सस्ते और टिकाऊ मिलते हैं ...ट्राली का रास्ता एक विदेशी कंपनी ने निर्मित किया था ...बहुत बढ़िया भी था ...गुलमर्ग की पहाड़ी पर चंद  शाल बेचने वाले मुल्लाओं से सैलानी महिलाएं मोल तोल कर रहीं थी ..हमारे सैलानी भी शाल देखने लगीं ..मियांजी अपने कश्मीर में बने सस्ते शालों की गर्मी का बखान कर ही रहे थे कि एक   महिला ने सारा गुड गोबर कर दिया।।यह कह कर कि ये तो चाईनीज़ शाल हैं ....

क्रमश




मंगलवार, 4 जून 2013

विज्ञापन की बोटी

विज्ञापन की बोटी 
  एल आर गाँधी

 जब से ५७० करोड़ से चुपड़ी भारत निर्माण  विज्ञापन   'बोटी'   हमारे मिडिया के  'वाच -डाग्ज़ 'को परोसी गयी है ..तब से मिडिया की सारी  की सारी 'घ्राण -शक्ति ' किरकिट की बाल ...बिंदु की चाल-ढाल और श्री का रुमाल सूंघने में लगी है .बेचारे केजरीवाल सिब्बल -वोडाफोन का ग्यारा हज़ार करोड़ का घोटाला अभी परोस ही रहे थे और 'बोटी' देख सभी वाच डाग्ज़ श्री के २ ० -५ ० लाख की चोरी चकारी पर पिल पड़े ...सिब्बल साहेब ने सुख की सांस ली ...देखते देखते चोर ही चौकीदार बन बैठे और किरकिट में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कायदे-क़ानून समझाने लगे ...वाह रे भारत के चौथे खम्भे और उसके इर्द गिर्द चक्कर काटते और ' बोटी 'चाटते वाच -डाग्ज़ ....

पंजाबी की एक कहावत है 'चोर उचक्का चौधरी ...गुंडी रण प्रधान ' 

गुरुवार, 30 मई 2013

पाक और ईश-निंदा का अन्धकार

पाक और ईश-निंदा का अन्धकार 

      एल आर गाँधी

लगता है ईश -निंदा के नाम पर अनगिनत निर्दोष अल्पसंख्यकों पर किये जुल्मो-सितम. ,और इस्लामिक आतंक के सताये  मासूम लोगों की बददुआएं पाक को भविष्य में .अन्धकार के गर्त में डुबो देंगी .
पाक पर ज़बरदस्त बिजली संकट है ...१८ -१८ घंटे का पावर कट  आम बात है ...पिछले चुनावों में यह एक मुख्य मुद्दा था ...सत्ता के प्रमुख दावेदार मियां नवाज़ शरीफ अपने परम हितैषी चीन के हुक्मरान को पाक को बिजली संकट से उबारने में सहायता की बार बार गुहार लगा रहे हैं ...और चीन भी अपने दुश्मन के दुश्मन परम मित्र पाक को पावर क्राइसिस के इस अंधकूप से बाहर  निकलने में जी जान से लगा है .
ऐसे में ईश -निंदा का महादानव चीन की अँधेरा- हटाओ योजनाओं के बीच आ टपका है.  पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे  एनर्जी प्रोजेक्ट मनेज़र ली पिंग अकस्मात ही ईश -निंदा के आरोप में फंस गए ...हुआ यूँ कि ली पिंग का अपने ही विभाग के एक पाक अधिकारी डॉ . साजिद से कमरे का तकरार चल रहा था .. ली ने तैश में आ कर साजिद मियां का सामान कमरे से बाहर  फेंक दिया और सामान में उर्दू में लिखी 'कुरआन ' भी थी ....जैसे ही मुस्लमान कर्मचारिओं को कुरआन की तौहीन का पता चला ..ली की शामत आ गई और साजिद मियां को मौका मिल गया ली को सबक सिखाने का ...किसी तरहां ली को पुलिस ने लोगों के कहर से तो बचा लिया ..मगर ईश-निंदा के कानून के कहर से कौन बचाएगा ?
ईश निंदा की सजा मौत है ...पाक में इंसान का क़त्ल करके तो बचा जा सकता है ...ब्लड मनी चूका कर ..मगर ईश निंदा के दोषी की तो  बस अल्लाह ही खैर करे ...अब भविष्य में क्या कोई 'ली' चीन से,  पाक के अँधेरे में रौशनी की लौ जलाने  के लिए पाक आने का दुस्साहस कर पाएगा ?  

मंगलवार, 21 मई 2013

वफादारों की श्वान -वृति


वफादारों की श्वान -वृति 

       एल आर गाँधी 

नितीश मियां के दो ' वफादारों 'को लालू मियां ने अल्शेशन क्या कहा के दोनों बुरा मान गए और लालू पर ठोक दिया इज्ज़त हतक का दावा ...देसी बफदारों को विदेशी अल्शेशन कहा ...बहुत बदतमीज़ी है ..

धर्मनिरपेक्ष बोले तो सेकुलरिज्म की ठोस प्रतीक छिद्र्नुमा अरबी टोपी पहन कर लालू ने गाँधी मैदान से नितीश को ललकारा ...तूं डाल डाल ,मैं पात पात ...तो नितीश कहाँ पीछे रहने वाले थे ..झट से मियां नवाज़ शरीफ को बिहार तशरीफ़ लाने  का न्योता दे डाला ...लालू के 'उर्दू बैनर ' लटके रह गए ...

यका यक हमारे चौथे खम्भे के वाच डाग आइ पी एल के बेचारे श्री शान्तों की चीर फाड़ में मुश्गूल हो गए हैं ..एक कम मोल बीके खिलाडी ने 'उपरी ' कमाई की हिमाकत जो कर डाली .. बेचारे केजरीवाल मुफ्त मुफ्त में श्री की रन लुटाऊ बाल पर हिट  विकेट हो गए ...बड़े जतन से वोडाफोन के कपिल -कनेक्शन का १ १ ० ० ० करोड़ का महा घोटाला लाए थे ...मगर कपिल की सरकारी चपाती चाट रहा 'वाच डाग ' मिडिया ....श्री के २ ० -५ ० लाख की चोरी -चकारी पर ही पिला रहा . ..हमारे राजनेताओं ने लगता है मिडिया की 'श्वान वृति ' को बखूबी जान पहचान लिया है ...बचपन में जब देर रात हम दूकान से अपनी ड्यूटी दे कर घर लौटते तो रास्ते में गली के आवारा कुतों से बहुत डर लगता था ..धीरे धीरे हमने भी इनकी श्वान वृति को पहचान लिया ...अपनी जेब में चंद गुड की डलियाँ रखते ...जब खुत्ते हमारी ओर लपकते , हम एक गुड की डली उन की तरफ उछाल देते ...वे गुड पर लपकते और हम खिसक लेते ...

श्री संत  की इस महान शहादत का उसे इनाम तो बनता है मेरे भाई .....पिक्चर अभी बाकी है ...जो इनाम ऐसी ही शहादत पर नौजवान खिलाडियों  के रोल माडल महान क्रिक्टर मियां अजहरुदीन को मिला था ...श्री संत  को भी मिलेगा ....२ ० १ ४ के लोक सभा चुनाव तो आने दो ...हमारा 'हाथ' अपने जैसों के साथ ! 

मंगलवार, 14 मई 2013

सिंह साहेब के शान्ति दूत

सिंह साहेब के शान्ति दूत 

    एल आर गाँधी

जब से सिंह साहेब को 'शरीफ साहेब' का न्योता आया है ..तब से बस ख़ुशी छुपाए नहीं छुपती ...शादी की शेरवानी 'चुस्त-दरुस्त ' करवाने भेज दी है ..मैडम ने भी नई साडिओं के आडर दे दिए हैं ...सेकुलर भोंपुओं ने शरीफ साहेब की शराफत के  कसीदे पढने शुरू कर दिए हैं ... और एक स्वर में पाक के नए रहनुमा को 'शान्ति-
दूत' या फिर बोले तो फ़रिश्ता ऐ अमन के खिताबों से नवाजना शुरू कर दिया है ...

पंजाबी की एक कहावत है 'नहाती धोती रह गई -मूंह  ते मक्खी बैह गई ' पुरानी शेरवानी अभी दरुस्त हो कर भी नहीं आई थी की 'खबर ' आ गई ...सिंह साहेब की अगवानी के लिए पूरी तयारी कर ली है .आइ एस आई ने ! और ट्रेलर के तौर पर  कश्मीर के लिए  'शांति के फ़रिश्ते ' भी रवाना  कर दिए गए हैं .. सिंह साहेब की हसरत हवा हो गई ...

सिंह साहेब ने तो दरिया दिली की सभी सरहदे तोड़-ताड़ कर गिलानी जी को भी 'शांतिदूत 'घोषित कर डाला  था।। मगर जब  इस शांति दूत ने अपने ' असली दांत ' दिखाए तो सिंह साहेब की हालत उस श्वान की सी हो गई जो बार बार अपनी की हुई ..... को चाटने को पलटता ही है . सयानों ने कहा है कि एक बार धोखा खाने वाले को मूर्ख नहीं कहते ..दूसरी बार खाने वाले को तो मूर्ख ही कहते हैं . और बार बार धोखा खाने वाले को फिर मूर्खों का सरदार ही कहेंगे न !....   और जो लोग सदियों से धोखे पर धोखे खाए चले जा रहे है ...उन्हें क्या कहें ?
   

सिंह साहेब के शान्ति दूत

सिंह साहेब के शान्ति दूत 

    एल आर गाँधी

जब से सिंह साहेब को 'शरीफ साहेब' का न्योता आया है ..तब से बस ख़ुशी छुपाए नहीं छुपती ...शादी की शेरवानी 'चुस्त-दरुस्त ' करवाने भेज दी है ..मैडम ने भी नई साडिओं के आडर दे दिए हैं ...सेकुलर भोंपुओं ने शरीफ साहेब की शराफत के  कसीदे पढने शुरू कर दिए हैं ... और एक स्वर में पाक के नए रहनुमा को 'शान्ति-
दूत' या फिर बोले तो फ़रिश्ता ऐ अमन के खिताबों से नवाजना शुरू कर दिया है ...

पंजाबी की एक कहावत है 'नहाती धोती रह गई -मूंह  ते मक्खी बैह गई ' पुरानी शेरवानी अभी दरुस्त हो कर भी नहीं आई थी की 'खबर ' आ गई ...सिंह साहेब की अगवानी के लिए पूरी तयारी कर ली है .आइ एस आई ने ! और ट्रेलर के तौर पर  कश्मीर के लिए  'शांति के फ़रिश्ते ' भी रवाना  कर दिए गए हैं .. सिंह साहेब की हसरत हवा हो गई ...

सिंह साहेब ने तो दरिया दिली की सभी सरहदे तोड़-ताड़ कर गिलानी जी को भी 'शांतिदूत 'घोषित कर डाला  था।। मगर जब  इस शांति दूत ने अपने ' असली दांत ' दिखाए तो सिंह साहेब की हालत उस श्वान की सी हो गई जो बार बार अपनी की हुई ..... को चाटने को पलटता ही है . सयानों ने कहा है कि एक बार धोखा खाने वाले को मूर्ख नहीं कहते ..दूसरी बार खाने वाले को तो मूर्ख ही कहते हैं . और बार बार धोखा खाने वाले को फिर मूर्खों का सरदार ही कहेंगे न !....   और जो लोग सदियों से धोखे पर धोखे खाए चले जा रहे है ...उन्हें क्या कहें ?
   

गुरुवार, 9 मई 2013

वन्देमातरम..... भारत माता की जय का गीत

वन्देमातरम 
भारत माता की जय का गीत 

   एल आर गाँधी

एक सांसद ने संसद में सरेआम राष्ट्रगीत का अपमान किया . जब सदन में राष्ट्रगीत गाया  जा रहा था तो बसपा के सांसद शफ़िक़ुर्रह्मान बर्क उठ कर चल दिए ..बाद में मियां बर्क ने साफ़ किया की राष्ट्र गीत इस्लाम के खिलाफ  है .लोकसभा अध्यक्षा ने सांसद के इस आचरण पर सख्त आपत्ति की और भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी भी दी .
दारुल उलूम और जमात उलेमा हिन्द राष्ट्रगीत के खिलाफ फतवा दे चुके हैं ...और सेकुलर सरकार इन इस्लामिक राष्ट्रविरोधी संस्थाओं द्वारा संचालित मदरसों को जहाँ देशद्रोही जेहादी तैयार किये जाते हैं , सरकारी ग्रांट मुहैया करती है .
यह वह  राष्ट्रगीत है जिसे गाते  हुए असंख्य शहीदों ने मौत को गले लगाया ...यह राष्ट्र की जीत का गीत है - जिसमें भारत माता  का जयघोष है . इसी लिए हमारे संविधान में राष्ट्र गान जन  गन मन  और राष्ट्र गीत वन्दे मातरम को समान सम्मान दिया गया है ....
क्या संविधान की अवमानना के लिए मियां बर्क पर देश द्रोह के लिए कानूऩी कार्रवाही की जाएगी ...हरगिज़ नहीं ....राष्ट्रीयता का स्थान अब वोट बैक और मुस्लिम तुष्टिकरण ने जो ले लिया है . तभी तो मीरा कुमार के अतिरिक्त शीर्ष सत्ता पक्ष में से किसी ने भी मियां बर्क की  इस देशद्रोही हरकत की निंदा नहीं की . करें भी कैसे कांग्रेस के ये नाता तो कभी के राष्ट्र के स्वाभिमान को बिसरा चुके हैं .
जो अपनी माँ  को नहीं मानते वे राष्ट्र माता -भारत माता को क्या मानेंगे ...जैसे आपातकाल में एक भडवे ने इंदिरा इज इण्डिया का नारा दिया था ..आज सभी खान्ग्रेसियो की बस एक ही ' राजमाता 'सब कुछ  है ... 

रविवार, 5 मई 2013

पवन जी की तूफ़ान मेल

पवन जी की तूफ़ान मेल 

   एल आर गाँधी

पटरी से उतरी तूफ़ान मेल की माफिक ड्योढ़ी में प्रवेश करते ही चोखी लामा बिफर पड़े ...अरे भई यह भी भला कोई बात हुई ..खाए भांजा और भरे मामा ..और इन बीजेपी वालों को तो बस हर बात पर इस्तीफ़ा चाहिए ..भांजे ने खाएं हैं तो भांजा भुक्ते ..मामा को क्यों सूली पर टांगने पर तुले हो ..सोनिया जी ने तो बांसल जी को क्लीन चिट दे दी ...अब बीजेपी जो चाहे उखाड़  ले ... हमने लामा की तूफ़ान मेल पर पावर ब्रेक लगाते हुए समझाया भई लामा इतिहास गवा है ..मामा -भांजे का तो सदियों से ३६ का आंकड़ा रहा है ..  मामा कंस  की कुंडली में तो भांजा कृषण अनादि काल से  काल-कुंडली मारे बैठा है  ..बेचारे पवन बंसल किसी तांत्रिक से इस काल -कुंडली का उपाए करवाएं .
यह कोई चीन थोड़े है जो २ ० ० ३ में रेल मंत्री रहे लियु झिजुन पर क्रप्शन के चार्ज लगते ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें और रेल मंत्रालय का ही बोरी बिस्तर गोल कर दें ...हम विश्व के सबसे बड़े और विशाल लोक तंत्र हैं ..यहाँ सब कायदे से होता है ...फिर महज ९ ० लाख की बरामदगी भी ..छी : एक रेल मंत्री की क्या इतनी सी औकात है ...९ ० करोड़ या ९ ० ०  करोड़ होते तो हम भी मान लेते .
अब इन बीजेपी वालों को कौन समझाए ..वह दिन हवा हुए जब लाल बहादुर शास्त्री ने एक रेल दुर्घटना पर इस्तीफा थमा दिया था ..अब यदि दुर्घटनाओं और घोटालों पर इस्तीफे/कार्रवाही  होने लगें तो सिंह साहेब को अपनी केबिनेट मीटिंग 'तिहार' में बुलानी पड़  जाएं ... यह तो भला हो सोनिया जी का जो 'क्लीन चिट' हर वक्त अपने पर्स में तैयार रखती हैं .  

शनिवार, 4 मई 2013

आस्तीन के सांप या सेकुलर शैतान

आस्तीन के सांप या सेकुलर शैतान

          एल   आर  गाँधी

मनमोहन 'सिंह ' की मंत्रिमंडल में एक ऐसा भी सेकुलर शैतान है जिसे १९८४ के सिख विरोधी दंगों में सिखों पर हुए अत्याचार पर 'अत्यंत ही हर्ष और संतुष्टि हुई .
यह शैतान अपनी किताब 'एट होम इन इंडिया ' में सिख दंगों पर लिखता है कि ' मुसलमानों में अत्यंत ही हर्ष और संतुष्टि थी , वो विभाजन नहीं भूले थे . हिन्दू और सिख १९४७ के खुनी खेल के लिए भुगत रहे थे .

यह वही शैतान है , जब सीमा पर हमारे दो जवानो के पाक सैनिकों द्वारा 'सर कलम' किये गए और पूरे  देश में आक्रोश फैला था , पाक को सबक सिखाने की मांग पूरा राष्ट्र कर रहा था ....यह बतौर विदेश मंत्री पाक के वज़ीरे आला की मेहमान नवाजी में मसरूफ उसे बिरयानी खिला रहा था .

चीन ने हमारी सीमा का अतिक्रमण कर १५ कि .मी . अन्दर तक कब्ज़ा जमा लिया है और ये जनाब चीन यात्रा पर मेहमान बन कर जा रहे हैं ..शायद अपने राज परिवार के 'पञ्च शील ' और हिंदी चीनी भाई भाई के सन्देश की पुनरावृति करने .        

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

भारत का भविष्य या भविष्य का भारत


ये मेरे देश की तस्वीर हैं ... जहां मेरा साईं भगवान सोने में लदा बैठा है ... मंदिर, मस्जिदों की उंचाइयां बढ़ रही हैं ... और देश का भविष्य गा रहा है सारे जहां से अच्छा .. हिन्दुस्तान हमारा .... सिर्फ शिकायत मत करो ...बदलाव का हिस्सा बनो..
 भारत का भविष्य या भविष्य का भारत
     एल आर गाँधी 

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,
मदरसे पे छत नहीं है ,रौशन है कल हमारा ...
ज़ाहिर है यह एक सरकारी नर्सरी स्कूल है जहाँ भविष्य का भारत तालीम हासिल कर रहा है ...नौनिहाल बाकायदा ड्रेस में हाज़िर हैं और मिस पूरी तल्लीनता से जमींदोज़ दीवार पर टिके खस्ताहाल ब्लैकबोर्ड पर सफेद चाक से बच्चों को उज्जवल भविष्य से रूबरू करवा रहीं हैं ....बच्चो की मासूमियत और मिस के ज़ज्बे को सलाम .
३ ५ लाख के शौचालय में बैठ कर केंद्र के मौन्टेक सिंह जी ने १२ वीं पंच वर्षीय योजना में , देश के हर एक स्कूल को एक-एक जनाना -मरदाना देने का पूरा -पूरा इंतज़ाम किया है . अब केंद्र का बज़ट राज्य सरकार खुर्द बुर्द कर दे तो इसमें बेचारे मन- मौन सिंह या फिर  राजमाता का क्या कसूर है . 
हमारे संस्कारों व् संस्कृति में तालीम  के इन  इदारों को किसी मंदिर ,मस्जिद गुरद्वारे या चर्च से कम नहीं आँका जाता . एक ओर साईं बाबा को सोने के मुकटो से सजाया संवारा जाता है ..नगर- नगर गाँव गाँव मंदिर -मस्जिदों के मीनार नई नई बुलंदियों को छू रहे हैं और ये भ्रष्ट तंत्र से त्रस्त इदारे धुल धूसरित हुए जा रहे है . 
सवा सौ करोड़ के इस देश में  २४ लाख मंदिर,मस्जिद गुरद्वारे व् गिरजाघर हैं जहाँ पर हम हिंदुस्तानी अपने ईष्ट से अपने बच्चो के उज्जवल भविष्य  की दुआ मांगते हैं ... ६ लाख हस्पताल ,क्लिनिक व् डिस्पेंसरियां हैं जहा बीमार  समाज को दरुस्त-तंदरुस्त किया जाता है .. राष्ट्र के भविष्य बच्चो और युवाओं , जो  कुल आबादी का एक तिहाई हैं के लिए मात्र १५  लाख स्कूल कालेज हैं और इनमें ऐसे 'सरकारी आदर्श ' स्कूल भी अनगिनत हैं जहाँ नेहरु जी की पंच वर्षीय योजनाओं की सुख सुविधाओं की ब्यार अभी पहुंचनी बाकी है ....फिर भी २१ वी सदी के 'आदर्श स्कूल 'को सलाम !
    

मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

राजमाता की सुरक्षा और निजता

राजमाता की सुरक्षा और निजता 

       एल आर गाँधी

बीडी के लम्बे कश सडकते चोखी लामा आग बबूला हुए चले आ रहे थे ...ड्योढ़ी में कदम रखते ही उबल पड़े ...ये असान्जे तो मुझे आर एस एस का आदमी लगता है ..यकीन नहीं तो इसकी पेंट खुलवा कर देखो ..शर्तिया अन्दर से खाकी नीकर निकलेगी . यह भी कोई बात हुई भला पहले राजीव जी के स्विस खाते फरोले और अब अपनी मुई विकीलीक पर मरहूम को स्वीडन की विमान  कंपनी का दलाल बता  डाला . कहता है कि कंपनी ने भारत को जंगी जहाज बेचने के लिए राजीव जी को दलाल बोले तो कमीशन एजेंट मुकर्र किया था ...
हमने चोखी को शांत  हुए कहा अरे मियां चोखी इसमें बीडी की माफिक  सुलगने की क्या बात है ..हमारे दिवेदी जी ने  तमाम खुलासे को खारिज तो कर दिया ...बुझ गई बीडी को फिर से सुलगते हुए लामा फिर सुलगने लगे अरे मियां ये तो सारे के सारे फिरंगी 'संघी ' हो गए हैं ...अभी पिछले दिनों एक विदेशी रसाले ने सोनिया जी को चौथा सबसे अमीर राजनेता बता डाला ...और फिरंगियो के देसी एजेंटों ने आर टी आर डाल कर सोनिया जी की
आय कर रिटर्न मांग ली ...
बीडी के जल कर ख़ाक हुए फोलक की माफिक हमने चोखी को फिर समझाने की नाकान जैसी कोशिश करते हुए बताया ...भई यह तो हर नागरिक को सोनिया जी के मनमोहन का दिया हक़ है ..और फिर सभी सांसद अपनी कमाई का  लेखा जोखा सार्वजनिक करने को पाबन्द हैं ....बीडी की आखिरी चिंगारी से उंगली जला बैठे लामा ने हाथ झटक कर भेद की बात समझाते हुए फ़रमाया ...मियां आय कर वालो ने भी कोई कच्ची गोलिया नहीं खेली ..सोनिया जी से पूछा  और टका सा जवाब दे दिया .....सुरक्षा और निजता भी चीज़ है कि नहीं !

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

चोखी लामा ..उवाच

चोखी लामा ..उवाच 

  एल आर गाँधी

चोखी लामा हमेशां की माफिक आज भी किसी ताज़ा खबर की जुगाली करते आवारा सांड से हमारे गरीबखाने में घुसे चले आ रहे थे ...घुसते ही जुगाली को सड़क कर बोले ..अरे भई .. गाँधी।। तुमने आज का नया जमाना देखा ? हमने सहज मन से फ़रमाया , भई चोखी हम तो तुम्हे मालूम ही है अंग्रेजी अखबार पढते है . अरे मियां क्या ख़ाक पढ़ते हैं ..चोखी भन्ना कर बोले . इन फिरंगी खबरनामों में घर की खबर तो ढंग की होती नहीं फिर बाहर की क्या ख़ाक देंगे . खैर हम बताते हैं ..सुनो .. चीन में लियु झिजुन  जो कभी रेल मंत्री थे 'नाप' दिए गए हैं  ..अमानत में खयानत वही जिसे आपके ये फिरंगी अखबार क्रपशन बोले तो भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए .२  ० ० ३ में रेल मंत्री के साथ साथ मंत्रालय में कम्युनिष्ट पार्टी आफ चाईना के प्रमुख भी थे .
हमसे रहा न गया ..अरे भई चोखी इसमें नया क्या है . हमारे भी तो बहुत से मंत्री अन्दर- बाहर अक्सर होते आए हैं ..बस फिर क्या था ..चोखी की जुगाली दिमाग में सड़क गई ... लगे भिन्नाने ..मियां यह चीन है ..देखना दिनों दिनों में लियु लटका दिए जाएंगे ..पिछले दिनों दो पार्षद नगरपालिका लूटते धरे गए थे ..महज़ तीन माह में लटका दिए ...हमारे माफिक नहीं केस दर केस ..पेशी दर पेशी ..अपील दर अपील और फिर जमानत ..यहाँ अफजल जैसों को लटकाने में भी  १ १ साल लगा दिए जाते हैं ..
हमने चोखी को फिर से समझाने की नाकाम कोशिश करते हुए फ़रमाया भई चोखी हमारे अपने संस्कार हैं ..हम दुनिया की सबसे विशाल डेमोक्रेसी बोले तो लोकतंत्र हैं ..हम चीन की माफिक नहीं लटका सकते . यह नेहरु -गाँधी का देश है ..नेहरु जी को जब पंजाब के कुछ लोगों ने मुख्य मंत्री कैरो साहेब के घोटालों -लूट के बारे में आगाह किया तो नेहरु जी ने बड़ी विनम्रता से समझाया ..देश का पैसा देश में है तो लूट से क्या फर्क पड़ता है  ..फिर हम तो विश्व बंधुत्व के अलमबरदार है ..अब देश का पैसा स्विस बैंको में जा रहा है तो क्या आफत आ गई ..हमारे बंगाली बाबू ने स्विस सरकार से समझौता कर इसका भी नेहरु-गाँधी हल निकाल ही दिया था ..नए खातों की जानकारी जरुरी है ..पुराने गए भाड़ में ...समझौते की महिमा देखो ! राजमाता ने महामहिम बना दिया ..

शनिवार, 6 अप्रैल 2013

मधुमक्खी -अरिष्ट लक्षण

मधुमक्खी -अरिष्ट लक्षण 

  एल. आर. गाँधी

राज कुमार के मधुमक्खियों के छत्ते में 'रानी मक्खी' पर जबसे मोदी ने निशाना साधा है ...रानी की भक्त मण्डली के मखियाल भिन -भिन्ना उट्ठे हैं ...मियाँ रशीद अल्वी को तो मोदी में यमराज के दर्शन होने लगे ..हों भी क्यों न ...यमराज तो मात्र प्राण ही हरता है , मोदी राज-पाठ हरने पर उतारू हैं ..जब राज ही नहीं रहेगा तो राजमाता और उनके कुंवारे कुंवर का क्या होगा ...जब से राजकुमार ने उद्योगपतियों के जमघट में भारत पर चिरपरिचित 'हाथी 'की परिभाषा को नकारा है और इण्डिया को ' हाथी नहीं मधुमक्खियों का छत्ता बताया है ..भाजपाइ दोनों हाथों में पत्थर उठाए 'छत्तो' की तलाश में निकल पड़े हैं ...और 'रानी मक्खी' की तो अब खैर नहीं ...बहुत चूस लिया इस विदेशी-बी ने ...बस एक ही झटके में सत्ता का छत्ता जमीन पर और मधु मक्खी और मखियाल ....ढूंढते रह जाओगे ?
तिवारी जी दो  कदम आगे निकले और अल्वी के नहले पर दहला जमाया और फ़रमाया 'मोदी २ ० ० २ की 'घटनाओं ' को   नहीं दोहराएं ! मनीष मियां हैं तो सूचना और प्रसारण मंत्री ..शायद २ ० ० २ का इतिहास भूल गए !  'घटनाओं के मूल में एक ' त्रासदी 'थी ...कारसेवको को ट्रेन में घेर कर जिन्दा जला दिया गया था . अब मियां अल्वी लाख कहें 'इस देश पर प्रभु राम की कृपा बनी रहे . प्रभु राम तो राम भक्तो के साथ हैं क्योंकि जन्म भूमि पर  तो सदियों पहले 'बर्बर ' जेहादियों ने इक इमारत खड़ी कर दी थी.
जबसे मोदी ने भारत माँ का क़र्ज़ चुकाने की बात कही है ...देश को क़र्ज़ के रसातल में पहुचने वालो को सपने में भी मोदी भैंसे पर सवार ,हाथ में दंड लिए उनकी और आते दिखाई देने लगे हैं ...इस प्रकार के सपने देखने वाले 'रोगी' के लिए   आयुर्वेद में 'अरिष्ट- लक्षण' माना गया है .... मृत्यु से पूर्व के लक्षण !    

बुधवार, 20 मार्च 2013

राजमाता का गुस्सा


राजमाता का गुस्सा 

  एल आर गाँधी 

हिन्दुस्तान को कोई भी मुल्क हलके में 'न' ले ...और इटली भी .....राज माता का अपने मायके के प्रति यह गुस्सा ...भारत को बनाना स्टेट मान बैठे लोगों को 'बहुत हो चूका ' का सन्देश  ही तो है. ..?
पहले उड़न खटोलों की खरीद में किरकिरी करवा दी और अब वादा खिलाफी और वह भी ...क़ानून भी कोई चीज़ है की नहीं ...मायके पर इतनी तल्ख़ पहली बार ' दिक्खी ' राजमाता ... और हों भी क्यों न ..क्या कुछ नहीं किया अब तक 'पीहर ' वालों के लिए ... कात्रोची चाचा को बुलाया ..महमान नवाज़ी की सभी सरहदे पार कर दी ..खूब लुटाया .. पकडे गए तो बचाया भी और भगाया भी ...और तो और लूट का पकड़ा गया माल छुड़ाया भी ...अब मायके का हर कोई ऐरा- गेरा  नत्थू- खैरा ...खुद को 'चाचा -कात्रोची' मान बैठे और भाग जाए और वह भी एक नहीं दो- दो क़त्ल कर के ...यह कोई 'पकिस्तान ' नहीं जो 'ब्लड मनी ' मूंह पर मारो और छूट जाओ ....यहाँ कानून का राज चलता है ... कानून के हाथ बहुत लम्बे हैं ...कभी तो इटली तक भी पहुँच ही जाएंगे ...बशर्ते कि मृत मछ्वारों के परिवार कुछ ले दे कर ही मुकर न जाएं ...ब्लड मनी बहुत बड़ी चीज़  है ?
 

बुधवार, 13 मार्च 2013

सिंह साहेब का गुस्सा


सिंह साहेब का गुस्सा 

  एल आर गाँधी 

शांत स्वभाव सिंह साहेब को दूसरी बार गुस्से में देखा है ...एक तो पिछले दिनों जब वे मोदी के 'नाईट वाच मैन 'तंज़ पर बिफरे थे या अबकी जब इटली के पी एम् ने हमारे ' मेहमान 'लौटाने से इनकार कर दिया ... सिंह साहेब ने  साफ़ साफ़ कह दिया कि इटली की यह 'सीना जोरी ' हमें हरगिज़  मंज़ूर नहीं ! मियां खुर्शीद को तलब किया  और इटली के राजदूत से 'नाराजगी' ज़ाहिर करने का फरमान जारी कर दिया ...बा हुकम खुर्शीद मियां ने भी राजदूत को बुलाया और ना….से बोले तो ..... जाहिर कर दी. अब देश के सबसे आला कोर्ट की नज़र में इटली के ये दो मेहमान 'भगोड़े  ' हैं ..इन पर केरल के समंदर तट पर दो हिंदुस्तानी मछ्वारो को मौत की नींद सुलाने का आरोप था .. इटली ने पहले तो 'ले -दे कर मामला रफा दफा करने की जुगाड़ लड़ाई , मगर कानून के लम्बे हाथों के आगे एक न चली . अब आला कोर्ट से  'वोट डालने ' के लिए दोनों नौसैनिकों को जब दूसरी पैरोल मिली तो 'मुजरिम नोउ दो ग्यारा  हो गए .... और हों भी क्यों न ...हमारे मेहमान नवाज़ हुक्मरानों का 'ट्रैक -रिकार्ड ही कुछ ऐसा है .....
जवाई मियां वाड्रा साहेब ने ठीक ही तो कहा है ..'.इण्डिया इज ऐय बनाना स्टेट ' फिर इटली तो राजमाता जी के मायके जो ठहरे ...अपने भाई बंधुओं को 'पैरोल ' नहीं तो और किसे ? रही ट्रैक रिकार्ड की ' चाचा कात्रोची ' को मेहमान  बना  रक्खा ,खिलाया और जब ' बिचौलिये 'की  चोरी पकड़ी गई,  तो बचाया भी और भगाया भी ....अब भोपाल गैस के गुनेहगार को ही ले लो ...इन नौसैनिकों ने तो महज़ दो  मछुयारे ही मारे   हैं ...भोपाल में 15274 लोग मारे  गए और अनगिनत गैस पीड़ित  लोग आज भी नारकीय जीवन जी रहे हैं .. और इस त्रासदी के मुख्य गुनहगार को केंद्र के इशारे पर तत्कालीन सी एम् अर्जुन सिंह ने सरकारी जहाज़ में बिठा कर अमेरीका 'रुखसत किया .... कोर्ट से महज़ २ साल की सजा हुई और 'वारेन एंडरसन ' 28  साल बाद आज भी भगोड़ा है . बनाना स्टेट के गुनाहगार भगोड़ो की लम्बी कतार में दो नाम और जुड़ गए ....फिर  भी सिंह साहेब का ' गुस्सा '  .........!!!!!  

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

धृतराष्ट्र के उत्तराधिकारी


धृतराष्ट्र के उत्तराधिकारी

   एल आर गाँधी

आज हस्तिनापुर उदास है ...उदास है गंगा पुत्र भीष्म  के लिए ..भीष्म की हस्तिनापुर के  प्रति समर्पित प्रतिज्ञाओं के लिए ...धर्म युद्ध में गंगा पुत्र के अधर्म का साथ देने के लिए ... बाण - शय्या पर पड़े भीष्म भी उदास हैं ..अपनी उन प्रतिज्ञाओं के लिए जो उन्होंने भारतवर्ष की मूल अवधारनाओं के विपरीत मात्र हस्तिनापुर के सिंहासन पर आरूढ़ अंधे .... धृतराष्ट्र  के प्रति लीं और ' भरत ' के प्रजापालक सिधान्तों को भुला दिया ...
पितामहा के समक्ष सम्राट 'भरत ' मानो प्रकट रूप में पूछ रहे हों ... पितामहा यदि आप ने धर्म का साथ दिया होता और राष्ट्र प्रेम को अपने राज प्रेम से प्राथमिकता दी होती तो आज मेरे भारतवर्ष की यह दुर्गति कदापि न हुई होती ....अपने राष्ट्र प्रेम के कारन ही तो मैंने अपने नौं पुत्रो में से किसी को भी राष्ट्र के प्रजाजन के हित में अपना उत्तराधिकारी मनोनीत नहीं किया ...प्रचलित प्रथा के  अंतर्गत , अपने जयेष्ट पुत्र को राज सिंहासन पर बिठाने के निर्णय ने जब मेरी बुद्धि  और मन में अंतर्द्वंध मचाया तो मैं महर्षि कन्व के आश्रय में गया उन्होंने मेरे मन और बुद्धि के द्वंध का निराकरण किया ...तब मुझे ज्ञान हुआ की कोई भी राजा अपनी प्रजा और राष्ट्र  से बड़ा नहीं होता ...राजा का  धर्म है अपनी प्रजा की रक्षा करना और ऐसे समर्थ पुरुष को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करे जो अपने राष्ट्र और प्रजा के साथ न्याय करे और उनकी रक्षा करे .... मैंने राष्ट्र हित में अपने पुत्रों का मोह त्याग कर भारद्वाज पुत्र युद्धमन्यु को अपना उत्तराधिकारी चुन लिया ....मेरा चुनाव उचित सिद्ध हुआ ...धरम् युद्ध में युद्धमन्यु  ने धरम का साथ दिया और पांडवों की विजय में महत्त्वपूर्ण योगदान  भी दिया ......

हस्तिनापुर पुन: आज राष्ट्र प्रेम और राज भक्ति के दोराहे पर खड़ा है ....असंख्य राष्ट्र भक्तों की महान कुर्बानियों के उपरान्त जब देश आजाद हुआ तो हमारे संविधान्वेताओं ने आज़ाद देश को भारत के प्रथम जनतंत्र जनक 'सम्राट भरत 'के नाम पर भारतवर्ष नाम दिया ...संविधान के प्रथम पृष्ट पर 'इण्डिया दैट इज भारत 'इस का प्रमाण है. वैसे तो आजादी के तुरंत बाद ही भरत की योग्य उत्तराधिकारी के चयन की विचारधारा को 'तिलांजलि दे दी गई ,जब बहुमत की अवहेलना करते हुए गाँधी जी की पसंद को राष्ट्र का उत्तराधिकारी बना दिया गया ....तभी से देश  पर  ' धृतराष्ट्र वादी ' अंधी उत्तराधिकार प्रथा छाई है. राष्ट्र की प्रजा को केंद्र में ही नहीं अब तो अधिकाँश राज्यों में भी 'परिवार' से अपना 'उत्तराधिकारी' चुनने का एक मात्र विकल्प उपलब्ध है. केंद्र में यदि गाँधी का दिया एक परिवार 'राज्भाक्तो' की आस्था का केंद्र है तो राज्यों में अपने -अपने परिवारों की ताजपोशी में राजभक्तों के 'गिरोह ' सक्रीय हैं . मकसद भी सभी का एक ही है ...अपने 'आका' को सत्ता में बनाए रखना और देश की जनता और संसाधनों को दोनों हाथों से खूब लूटना ....जिस प्रकार आज़ादी से पहले रियासती रजवाड़े अपनी- अपनी सत्ता के नशे में चूर दिल्ली -दरबार को चुनौती देने से नहीं चूकते  थे ...आज लगभग  वही  हाल क्षेत्रीय दलों के समक्ष केंद्र का है ...सत्ता पर काबिज़ धृतराष्ट्रों  को परिवार और दुर्योधन के अतिरिक्त कुछ दिखाई ही नहीं देता ....... गाँधी का बोया बीज आज वट वृक्ष का रूप ले गया है ...इसकी कीमत तो राष्ट्र को और इसकी प्रजा को ही चुकानी पड़ेगी ...
भारत को फिर  से किसी 'भरत ' की तलाश है जो राष्ट्र को उपयुक्त योग्य उत्तराधिकारी  प्रदान करे ...जय भारत .




शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

आतंक के प्यादे और वजीर


आतंक के प्यादे और वजीर 

      एल आर गाँधी 

प्यादे को फांसी और वजीर को महज़ 35 साल और वह  भी अमेरिकन जेल में , बहुत बेइंसाफी है ....हमारे खुर्शीद मियां ने तो साफ़ कर दिया की हेडली भारत का गुनेहगार है ...मुंबई के 26/11 आतंकी हमले में अमेरिकन 6 मरे और भारतीय 160 . हम डेविड कोलमैन हेडली उर्फ़ दाउद  गिलानी को कसाब से कमतर सजा कभी मंज़ूर नहीं करने वाले ...हम उसे सजा देते तो फांसी ही देते ..अमेरिका से हम हेडली को मांगते रहेंगे  ... यह भी कोई बात हुई ...एक मेहमान को पकड़ा और सजा का फरमान सुना डाला  .. न कोई मेहमाननवाज़ी - न आव भगत , न नखरे उठाए और न बिरियानी खिलाई  ...
अतिथि देवोभव ...अमेरिका क्या जाने .. अतिथि की कैसे सेवा की जाती है , तो कोई हम से सीखे ...कसाब मियां पर आठ आठ बावर्ची लगा रखे थे हमने .. चाहे हम अपने घर में भूखे सोते हों मगर महमान पर 55 करोड़ यूँ लुटा दिए जैसे ढोंगी बाबा की लंगोटी ...

राजकुमार के प्रवक्ता अल्वी मीयां ने भी लगभग भीख मांगने के अंदाज़ में हेडली जी की मांग अमेरिका से कर डाली है  ...यूँ तो हम अपने पडोसी पाक से भी अपने दाऊद साहेब और सईद साहेब को मांगते चले आ रहे हैं, मगर हमारा पडोसी खुद ही भिखारी जो ठहरा , हमें क्या देगा ....जब मांगते हैं बहाने बना देता है  कभी कहता है ...हैं ही नहीं ..ढूंढ लो ! हम तो खुद आतंक् पीड़ित हैं .. वगैरा वगैरा ...अब हेडली मियाँ हमारे यहाँ पांच बार आये और हमारे राहुल जी की मेहमान नवाजी से भी नवाजे गए ...अब आप 'राहुल' से राजकुमार का मुगालता न पाल बैठना .. ये आर एस एस और भाजपा के भगवा आतंकी पहले ही राजकुमार पर हमले की फिराक में बैठे हैं। हमारा इशारा मशहूर मियां  महेश भट्ट के सहेबजादे राहुल भट्ट की और है। हैडली जी राहुल भट्ट के मेहमान रहे ...मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है ..सो हेडली जी आए .. एक नहीं .. दो नहीं ..पूरे पांच बार आये  और चले गए और हम आए मेहमान के मंसूबों को  पहचानने में चूक गए .. अब अमेरिका ने पकड़ कर अपने  'मेहमानखाने' में डाल  दिया तो लगे मांगने ... जिन अपनों ने इस मेहमान की खातिरदारी की उनका क्या किया ? कुछ नहीं ...अतिथि देवो भव् ..संस्कार जो ठहरे।   

जब शिंदे जी से हमने पूछा ..मियां हेडली का क्या आचार डालोगे ..पहले जिनको फांसी  पर लटकाने के फरमान सुनाए  हैं पहले उनसे तो निपट लो , बेचारे अफज़ल मियां एक दशक से 'जन्नत के दरवाजे पर दस्तक को बेताब बैठे हैं . शिंदे जी ने झट से फ़रमाया भई हम तो अभी अभी ग्रह मंत्री बने हैं , कसाब को लटका दिया और जैसे ही अफज़ल मिया की फ़ाइल् मेरे पास आएगी उन्हें भी लटका दूंगा ...फिलहाल तो लगता है ..फाईल  ..लटक गई। फिर अपने और पराए आतंकियों को कोई एक आँख से कैसे देख सकता है .. अपने ....अपने जो ठहरे .. 

लगता है अमेरिकन जज इस्लामिक आतंकियों को और उनके जेहादी मंसूबों को हमसे पहले समझ गए हैं ...तभी तो हेडली को 35 साल की सजा सुनाते  हुए जज ने बहुत ही गंभीर टिप्पणी की !!
..........'उनके लिए कितनी भी गंभीर सजा देने के बाद भी आतंकियों की फितरत नहीं बदलेगी ' .. शायद अमेरिका ने शरियत की जेहादी इबारत पढ़ भी ली और समझ भी ली ..और हम पढ़ कर भी उसे समझने के बहाने ढूंढ रहे हैं .....'तुमरे रब ने हेडली के आखिरत में तय्यार कर दी है . जन्नत में 72 लौंडियाँ और मोती जैसे गिल्मे और वे अंगूर के बाग़ में गद्दे जहाँ नहरें  रवां होती हैं ..(सूरा . 45.12) फिर कोई इमाम ...किसी कोच्ची की मस्जिद में आतंक के वजीर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ़ दाऊद गिलानी के लिए नमाज़ पढ़ेगा ...प्यादे के लिए भी पढ़ी थी ...और हमारे सेकुलर शैतान इसे  एक 'मज़हबी ' मामला कह कर रफा दफा कर देंगे ..... 

गुरुवार, 24 जनवरी 2013

सच्चे शिव सैनिक -नागा साधू


सच्चे शिव सैनिक -नागा  साधू

         एल आर गाँधी 

 एक हाथ में माला दूजे में भाला ...शरीर पर वस्त्र के नाम पर  मात्र  भस्म-विभूति ...जन्म -मरण से मुक्त ये शिव भक्त केवल कुम्भ पर्व पर ही प्रकट होते हैं ...और लाखों करोड़ों दर्शकों की उत्सुकता का केंद्र बिन्दु  भी  . जहाँ दत्तात्रेय की चरण पादुकाएं समझो वहीँ पर इनका निवास ...ये अखंड शिव भक्त निर्जन स्थान पर बने अपने अखाड़ों में निवास करते हैं ...समाज से दूर व् सामाजिक बन्धनों से मुक्त ........ ठीक वैसे ही जैसे देश की रक्षा में मुश्तैद फौजी अपनी छावनियों में निवास करते हैं। 
 
आदि गुरु शंकराचार्य जी ने नागा साधू साम्प्रदाय का गठन सनातन धर्म  की रक्षा के महती प्रयोजन से किया था ...एक सैनिक के रूप में इनके हथियार ... त्रिशूल, तलवार, दंड व् युद्ध उद्दघोष के लिए 'शंख ' जिसे ये अपने आराध्य महाकाल 'दत्तात्रेय ' अर्थात भगवान् शिव के आह्वान हेतु भी प्रयोग में लाते हैं। 
1757 में जब अहमद शाह दुर्रानी ने हिन्दुओं के पवित्र स्थल मथुरा ,वृन्दावन और गोकुल में हिन्दुओं के पूजा स्थल-मंदिरों को तोडा   ब्रिन्दावन में जहाँ तीर्थ यात्री होली के पवित्र अवसर पर पूजा अर्चना में मस्त थे ..अहमद शाह के इस्लामिक जेहाद के ज़हर से भरे अफगान सैनिकों ने हजारों लोगों को मौत के घाट  उतार दिया और मंदिरों को लूटा और मिस्मार कर दिया। चारों  और लाशों के ढेर थे और किसी लाश का सर नहीं दिखाई देता था। शाह ने काफिरों 'हिन्दुओं' के सर पर पांच रूपए इनाम घोषित  किया हुआ था .शमीन सरकार एक प्रत्यक्ष दर्शी के अनुसार ' एक स्थान पर हमने देखा की दो सौ मृत बच्चों का ढेर लगा था और किसी भी बच्चे का सर नहीं था। 
  गोकुल में अपने 'अखाड़े' की रक्षा के लिए हजारों की संख्या में बैरागी पंथ के नागा साधू अहमद शाह के अफगान सैनिकों से भिड़  गए ...घमासान युद्ध हुआ ...अफगान सैनिकों के पास घातक हथियारों के साथ साथ अपने बचाव के लिए शरीर पर ज़राबख्तर 'कवच'और एक हाथ में शमशीर 'तलवार' व् दूसरे में ढाल भी थी ...मगर नागा साधुओं के हाथ में केवल त्रिशूल या तलवार ...और बचाव के लिए नंगे शरीर पर मात्र ' भस्म' . युद्ध में 2000 नागा वीर वीरगति को प्राप्त हुए मगर इतने ही अफगान हमलावर भी हलाक हो गए ...घबरा कर शाह ने अपने सैनिकों को वापिस बुला लिया ... 

मंगलवार, 22 जनवरी 2013

श्री साहेब जी


श्री साहेब जी 

एल आर गाँधी 

'श्री' भारतीय सभ्यता का बहुत ही पौराणिक आदर सूचक शब्द   है ...श्री शब्द का प्रयोग किसी बहुत ही आदरणीय महापुरुष के नाम के पूर्व प्रयोग किया जाता  है . इसके अतिरिक्त 'श्री' अलंकार को देवी ,लक्ष्मी, विष्णु व् श्री गणेश -समृद्धि और विघ्न हरने वाले विघ्नेश्वर आदि के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है ......मगर हमारे परम ज्ञानी गृह मंत्री श्री श्री सुशिल कुमार जी शिंदे साहेब ने आतंक के पर्याय अजमल कसाब के नाम के आगे 'श्री' शब्द का प्रयोग कर साफ़ कर दिया कि उनके विशाल हृदय में  आतंकवादियों के लिए कितना सम्मान है। 
अब शिंदे साहेब ने हाफिज सईद को 'साहेब' के सम्मानजनक शब्द से संम्बोधित कर 'अपनी सेकुलर सरकार' की आतंक के खिलाफ नियत और निति पर मोहर लगा दी है। और इसके साथ ही आर एस एस व् भारतीय जनता पार्टी को आतंकी संगठन घोषित कर 'सईद साहेब ' से वाहवाही भी लूट ली। सईद को साहेब कह कर मुंबई आतंकी हमले के सूत्रधार को एक निहायत ही आदरणीय शख्स बना दिया गया है . अंग्रेजों को गुलाम भारतीय 'साहेब' के आदरसूचक शब्द से बुलाते थे . इसके अतिरिक्त भारतीय एक पवित्र स्थान या व्यक्ति के लिए भी 'साहेब' शब्द का प्रयोग करते हैं जैसे 'हरमंदिर साहेब' गुरुग्रंथ साहेब , साहेबजादे ....
ओसामा बिन लादेन को 'जी ' के अलंकार से संबोधित करने वाले , 150 साल पुराणी राष्ट्रिय कांग्रेस के , महासचिव श्री श्री दिग्विजय सिंह साहेब ...शिंदे उर्फ़  शर्मिंदे साहेब के पक्ष में ताल ठोक  कर खड़े या अड़े नज़र आ रहे हैं ... खड़े  भी क्यों न ...भगवा आतंक के प्रलाप में कोई तो साथी मिला ....
कबीर जी ने ठीक ही तो कहा है .....
शब्द सम्हारो बोलिए, शब्द के हाथ न पाँव 
एक शब्द औषध करे , एक शब्द करे घाव    

शनिवार, 5 जनवरी 2013

पद्मिनी को भुला दिया .... दामिनी को भी भूल जाएंगे



पद्मिनी को भुला दिया  ..
                                 दामिनी को भी भूल जाएंगे 

                        एल आर गाँधी 


केरल में कोच्ची की एक मस्जिद में 23 नवम्बर को , आतंकी अजमल कसाब जिसे 21 नवम्बर को फांसी पर लटका दिया गया था , के लिए नमाज़ पढ़ी गई। मस्जिद की प्रबंधक समिति ने कसाब के लिए नमाज़ पढने वाले इमाम को उसके पद से हटा दिया। ज़ाहिर है इमाम की इस करतूत को मस्जिद के प्रबंधकों ने राष्ट्र विरोधी माना और उसको इमाम के पद से हटा दिया। मगर केरल की कांग्रेस सरकार ने इस देशद्रोही इमाम के खिलाफ कोई कार्रवाही करना उचित नहीं समझा ..... करें भी कैसे . केंद्र की और राज्य की सेकुलर सरकारें तो आस्तीन में सांप पालने में वैसे ही माहिर हैं 
अभी अभी पिछले दिनों हमारे गृह मंत्री शिंदे जी महाराज ने तो मुंबई पर आतंकी हमले के  'आका ' हाफिज सईद को 'श्री ' के अलंकार के साथ संबोधित कर अपनी चिर परिचित सेकुलर मानसिकता का परिचय दे ही दिया। हर मुस्लिम नाम के आगे श्री और पीछे जी लगाना कभी नहीं भूलते हमारे ये 'सेकुलर' हुक्मरान ..... भूलें भी कैसे ....वोट बैंक की दरकार जो है। हमारे दिग्गी मिया ने तो हद ही कर दी जब दुनिया के दुर्दांत आतंकी ओसामा बिन लादेन को देश  के परम आदरणीय शब्द 'जी' से संबोधित तो किया ही और साथ ही अमेरिका द्वारा ओसामा को इस्लामिक रिवायत से  दफन न कर समुद्र में जल समाधि देने पर अपना 'आक्रोश' जताया . 
ऐसी ही कुछ राजनैतिक मजबूरिओं के चलते ही हमारे सेकुलर हुक्मरान 'मियाँ अफज़ल गुरु ' को फांसी पर लटकाने से टालते आ रहे हैं। 
दिल्ली के ' दामनी' गैंग रेप काण्ड ने पूरे देश को झकझो कर रख दिया ... देश की राजधानी की सड़कों पर कैसे 'मौत के दरिन्दे' दनदनाते फिर रहे हैं ... फिरें भी क्यों न , जब देश के जनतंत्र के मंदिर 'संसद'पर हमला करने वाले अफज़ल को 11 साल में उसके अंजाम तक नहीं पहुचाया गया। महिला होते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 5 ब्लात्कारियों  की मौत की सजा माफ़ कर दी। दामिनी काण्ड से आक्रोशित  जनता के हजूम ने देश के भ्रष्ट राज् नेताओ की नींद उड़ा दी .... मिडिया ने लोगों को 'दामिनी की शहादत को न भुलाने की 'कसमें ' दिलाई और .........दिल्ली की शीला , मोहन ,सोनिया ने भी लोगों से अनगिनत 'वायदे' कर डाले ....कहते हैं की जनता की याददाश्त बहुत कमज़ोर होती है .. और वह नेता ही क्या जिसका वायदा वफ़ा हो जाए।  दशक पूर्व दो शैतान बिल्ला - रंगा ने संजय चोपड़ा और गीता चोपड़ा बहन भाई को फिरौती के लिए अगवा किया और मार दिया  ... दिल्ली की सड़कों पर सरकार के खिलाफ ऐसा ही जन आक्रोश उमड़ा  था  .... लोग भी भूल गए और उस वक्त भी राज् नेताओं ने ढेर सारे  वायदे किये थे ... कहाँ वफा हुए ... अपहरण-फिरौती - बलात्कार ...बदस्तूर ज़ारी हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं .
कहते हैं !  जो कौमें इतिहास से कुछ सबक नहीं लेतीं ...वे इतिहास के पन्नों में ही दफन हो जाती हैं। पद्मिनी के इतिहास को हमने भुला दिया  .. दामिनी को भी भूल जाएंगे  ...  अला उ दीन खीलजी 
से अपनी 'आबरू ' की रक्षा के लिए चितौड़ की महारानी ने अपनी तमाम चितौड़ -वीरांगनाओं सहित 'जौहर' को चुना .... पद्मिनी के रूप पर  पागल अला उ दीन जब महल में दाखिल हुआ तो देख कर अवाक रह गया .... राज महल की सभी राजपूत वीरांगनाओं के जिस्म 'जौहर' की ज्वाला में धू -धू जल रहे थे। अला उ दीन ने चितौड  के सभी 'काफिरों ' के सर कलम करने का हुकम दिया ...60000 निह्हथे - निर्दोष हिन्दुओं को मौत के घाट  उतार दिया गया। और हमारे ये सेकुलर शैतान खिल्ज़ीओं , बाबरों  और औरंगजेबों की मजारों पर सजदे करते  नहीं थकते।