शुक्रवार, 2 मार्च 2012

सेकुलर मानसिकता और मानवाद्धिक्कार


सेकुलर मानसिकता और मानवाद्धिक्कार
    एल.आर.गाँधी 

इस्लाम के नाम पर पाक में अल्पसंख्यक हिन्दू लड़कियों पर अत्याचार जारी हैं मगर देश के सेकुलर शैतान चुप हैं. 
कराची से खबर है की प्रति माह पाक में करीबन २० हिन्दू लड़कियों का ज़बरन धर्म परिवर्तन कर मुसलमान लड़कों से निकाह करवा दिया जाता है. मीरपुर माथेलो की १७ वर्षीय रिंकल का सात दिन पहले अपहरण कर ज़बरदस्ती निकाह कर दिया गया. रिंकल ने अदालत में पेश हो कर ब्यान दिया की उस के साथ ज्यादती  हुई, वह अपने माँ बाप के पास घर जाना चाहती है फिर भी अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अपने अविभावकों से भी मिलने नहीं दिया गया. पाक हिन्दू कौंसिल की मंगला शर्मा ने कहा है की पाक ह्युमन राईट व् मिडिया ने एक माह में २० हिन्दू  लड़कियों के ज़बरन धर्म परिवर्तन की बात मानी है मगर यथार्थ में यह संख्या इससे कहीं  अधिक है.
देश के सेकुलर  राजनेता और मिडिया के शैतान चुप हैं. राष्ट्रिय  मिडिया ने तो इस खबर को अपने चेनल या अखबार में ज़िक्र योग्य भी नहीं समझा . गुजरात दंगों पर राजदीप सर देसाई जैसे 'एंकर' दसवी   द्साही पर सर मुंडाए फिर रहे हैं. दंगा  पीड़ित  मुसलिम  भाइयों  और  बहिनों  के  घर  घर  जा  कर  'मातमपुर्सी '  की  रस्म अदाई   कर  रहे   हैं . मगर साबरमती ट्रेन में जला दिए गए ५९ हिन्दुओं पर चुप हैं.... इन सेकुलर शैतानों की नज़र में शायद 'हिन्दुओं' का कोई 'मानवाधिकार' नहीं है. 
हमारे 'सेकुलर 'सिंह साहेब ' को एक बार जब मालूम हुआ की आस्ट्रेलिया  में एक 'मुस्लिम डाक्टर' को गलती से आतंकी  मान कर निकाल दिया गया है तो बोले ' मुझे जब पता चला तो सात रोज़  मैं ठीक से सो नहीं पाया !!!!.  इसे कहते हैं 'मानवता के प्रति समर्पित कुष्ट- मानसिकता..... जो केवल अल्पसंख्यक वोट बैंक के इतर सोच ही नहीं पाते. गाँधी वादी इन सेकुलर शैतानों को शायद 'तुष्टिकरण' में ही सेकुलरिज्म नज़र आता है.
भारत विभाजन के वक्त  हजारों हिन्दू-सिख मासूम कन्याएं पाक में रह गयीं ... एक अँगरेज़ समाजिक कार्यकर्त्ता ने दिन रात एक कर इन अगवा की गई कन्याओं की सूची तैयार की और उस वक्त के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों को अगवा बच्चियों की सूची छापने और उनकी खोज खबर के प्रयास करने को कहा तो गाँधीवादी कैरो साहेब ने 'इनकार' करते हुए कहा ...पुराने जखम कुरेदने से क्या फायदा. .. आज़ादी के बाद हमारे सेकुलर शैतानों ने पाक में रह गए २४% हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों के प्रति यही उपेक्षा का रवैया  इख्त्यार किया हुआ है. आज पाक में महज डेढ़ प्रतिशत हिन्दू-सिख अल्पसंख्यक बचे हैं. पिछले छह दशकों में उन्हें असहनीय इस्लामिक आतक सहना पड़ा और ज़बरन धर्म परिवर्तन का दंश सह कर जीने को मजबूर हुए ... बाकि को भगा  दिया या मौत की नींद सुला दिया गया. .... पाक के इस्लामिक आतंक की बलि वेदी पर अब तक ३५ मिलियन हिन्दू अपना अस्तित्व गँवा बैठे हैं मगर हमारे गाँधी वादी हुक्मरानों को केवल अपने यहाँ अल्पसंख्यकों की चिंता सता रही है, जब की पाक ,  भारत में मुसलमानों पर हुई किसी प्रकार की ज्यादती को पूरे विश्व में बढ़ा चढ़ा कर प्रचारित करता है और हमारे 'सेकुलर शैतान' पाक में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों पर मौन रहने को ही अपनी सैकुलर्प्रस्ती मानता है.  
बंगला देश जिसे इंदिरा जी ने पाक के क्रूर पंजे से छुड़ाया ..इस आशा में की वहा सेकुलर निजाम कायम होगा ,में हिन्दुओं की स्थिति पाक से भी बदतर है. विभाजन के वक्त यहाँ ३७% के करीब हिन्दू थे जो अब घटते घटते मात्र ७% रह गए है . पिछले दिनों बंगला देश में सरे आम इस्लामिक जेहादियों ने चार मंदिरों को मिस्मार कर डाला किसी सेकुलर शैतान ने उफ़ तक नहीं की.     .